रायपुर वॉच

हाईकोर्ट की शरण पहुंचे जीपी सिंह: भिलाई में अपने खिलाफ दर्ज FIR में मांगी राहत

Share this

बिलासपुर : निलंबित ADG जीपी सिंह ने एक बार फिर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इस बार उन्होंने भिलाई में दर्ज अपने खिलाफ FIR में अंतरिम राहत कि मांग की है। मामले में सुनवाई करते हुए अदालत ने राज्य सरकार और सिंह के खिलाफ मामला दर्ज करवाने वाले व्यापारी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। अब मामले में 28 सितम्बर को अगली सुनवाई होगी। भिलाई के एक व्यापारी ने सिंह पर ब्लैकमेल कर 20 लाख रुपए की उगाही करने का आरोप लगाया है।

दरअसल, निलंबित ADG जीपी सिंह के खिलाफ दुर्ग जिले में दो महीने पहले एक FIR दर्ज हुई थी। जीपी सिंह और उनके साथियों पर आरोप है कि उन्होंने एक व्यवसायी को फर्जी केस में फंसाने की धमकी देकर उससे उन्होंने 20 लाख रुपए वसूले और फिर धमकी भी दी। स्मृति नगर चौकी में यह FIR दर्ज की गई है। जांच के बाद मामले को सुपेला थाने में ट्रांसफर किया गया।

रायपुर IG रहते हुए उगाही का आरोप
FIR में बताया गया है कि व्यापारी का कुछ लेन देन का विवाद था,लेकिन साझेदार ने पैसे दबा दिए, तब रायपुर IG जीपी सिंह थे। कथित तौर पर जीपी सिंह की साझेदारी आरोपी के साथ थी। जिसकी वजह से व्यापारी को पैसे तो नहीं मिले मगर फर्जी केस में फंसा दिया गया। इस दौरान व्यापारी की पत्नी और परिजनों से केस कमजोर करने के एवज में एक करोड़ रुपए की डिमांड की गई और 20 लाख रुपए एडवांस के तौर पर वसूले गए थे।

सरकार ने किया है निलंबित
राज्य सरकार ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने वाले भारतीय पुलिस सेवा 1994 बैच के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक गुरजिंदर पाल सिंह को निलंबित कर दिया है। गृहविभाग के उपसचिव मुकुंद गजभिये ने इसका आदेश जारी किया था। इसमें EOW ने छापेमारी के बाद भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज किए जाने का हवाला देते हुए इसे अखिल भारतीय सेवा के खिलाफ माना गया है।

64 घंटे की छापेमार कार्रवाई में मिली थी करोड़ों की संपत्ति
ACB और EOW की संयुक्त टीम ने जीपी सिंह के घार पर छापा मारा था। यह कार्रवाई करीब 64 घंटे तक चली थी। इस दौरान 10 करोड़ से अधिक की चल-अचल संपत्ति का खुलासा हुआ है। इस छापे की जद में एडीजी सिंह के करीबी लोग भी आए हैं। ब्लैकमेलिंग और फोन टेपिंग के साथ ही कई तरह की खुफिया जानकारी निकल कर सामने आई थी।

Share this

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *