प्रांतीय वॉच

बेपरवाही का नमूना-हाई कोर्ट के आदेश के 479 दिन बाद भी नहीं हुई कार्रवाई

Share this

बिलासपुर। प्रशासनिक लापरवाही का इससे बड़ा नमूना दूसरा और कोई नहीं मिलेगा। हाई कोर्ट के निर्देश के बाद भी जिला प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। हाई कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए 18 मई 2020 को आदेश जारी किया था। इस आदेश के 479 दिनों बाद भी फाइल वैसी ही धूल खाते पड़ी हुई है। याचिकाकर्ता अब भी एक से दूसरे दफ्तर का चक्कर काट रहा है।

रतनपुर निवासी उस्मान कुरैशी ने नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय बिलासपुर में डायवर्सन के लिए आवेदन पेश किया था। इसमें उन्होंने कहा था कि उसकी बड़ी बहन रेहाना बानो करैहापारा निवासी रतनपुर व उसके नाम से संयुक्त रूप से खसरा नंबर 3168/13 में 0.0480 एकड़ जमीन है। डायवर्सन की मांग की थी। 17 अक्टूबर 2019 को पेश आवेदन पर तीन महीने में भी कार्रवाई नहीं हुई। तब उन्होंने कलेक्टर के समक्ष आवेदन पेश किया। कलेक्टर ने ग्राम तथा नगर निवेश विभाग को प्रक्रिया के तहत कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

इसके बाद भी डायवर्सन नहीं हो पाया। तब उस्मान ने अपने वकील के जरिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की। 18 मई 2020 को छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता को तय प्रक्रिया के तहत राहत देने व कार्य पूर्ण करने का निर्देश कलेक्टर बिलासपुर को जारी किए थे। हाई कोर्ट के आदेश की जानकारी देते हुए कलेक्टर ने नगर तथा ग्राम निवेश विभाग को याचिकाकर्ता के प्रकरण पर त्वरित कार्रवाई केा निर्देश जारी किए। प्राथमिकता के आधार पर कार्य पूर्ण करने की हिदायत भी दी थी। अचरज की बात कि इस आदेश के 479 दिनांे बाद भी याचिकाकर्ता को राहत नहीं मिल पाई है। फाइल विभाग में धूल खाती हुई पड़ी है।

पीजी पोर्टल में भी सुनवाई नहीं

याचिकाकर्ता ने प्रधानमंत्री आनलाइन पोर्टल में इस बात की शिकायत दर्ज कराई थी। मामले की सुनवाई किए ही पीजी पोर्टल ने शिकायत को निराकृत कर दिया। खसरा संधारण व डायवर्सन से संबंधित एक काम की फाइल ग्राम तथा नगर निवेश के कार्यालय में धूल खाते पड़ी हुई है।

Share this

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *