कमलेश लव्हात्रे/बिलासपुर ; पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल कहा कि बिना फंड के दिवागलिया हो चुकी,भू माफियाओं के इशारे पर चलने वाली राज्य सरकार एव स्थानीय प्रशासन से परिणाममूलक समयबद्ध लक्ष्य हासिल करने की अपेक्षा जनता ने खो दी है। बिलासपुर में स्मार्ट सिटी की घोषणा के बाद शहर के नियोजित विकास की सुव्यवस्थित तस्वीर और क्रियान्वयन की रूपरेखा पर कार्य आरंभ किया गया था लेकिन नगर निगम और स्थानीय प्रशासन की लच्चर और खानापूर्ति कार्य पद्धति शहर विकास के कार्यों को पूर्ण करने के बजाय पीछे की ओर ढकेल रही है।राज्य सरकार के पास नगरीय निकायों को देने के लिए पैसा नहीं है तो दूसरी तरफ केंद्र सरकार के तरफ मिली राशि से मनमाने खर्च किया जा रहा है। लोक निर्माण विभाग की सड़क पर बिना अनापत्ति लिए और बिना अनुमति के स्मार्ट सिटी के फंड से करोड़ों रुपए खर्च कर दिया जाना मनमर्जी का प्रमाण है। खर्च की जा रही राशि का स्मार्ट सिटी लिमिटेड बिलासपुर के द्वारा किये गए ख़र्च हिसाब किताब भी पता नहीं है। नई सरकार को बने तीन वर्ष पूरे होने को आए ,नए कार्यो की शुरआत दूर लंबित कार्यों को पूरा करना और मूलभूत सुविधाओं और सेवाओं की उपलब्धता करा पाने में स्थानीय प्रशासन स्मार्ट सिटी लिमिटेड और राज्य सरकार लक्ष्य से कोसों दूर है।श्री अग्रवाल ने कहा कि बिलासपुर शहर के लोगों को विशेषकर विद्यार्थियों को ज्ञान विज्ञान और अंतरिक्ष जगत की गतिविधियों से अवगत कराने के उद्देश्य से प्रदेश का पहला तारामंडल स्वयं नगरीय प्रशासन मंत्री रहते हुए हुए कार्य योजना को स्वीकृत कराया था जिसमें रायपुर से भी अधिक क्षमता आधारित सुविधाएं शुरू की किया जाना प्रस्तावित किया गया लेकिन सार्वजनिक स्थलों पर आवारा पशुओं के रोका छेका के बजाय जनता के हित में चालू की गई परियोजनाओं पर रोका छेका का करने का काम कांग्रेस की सरकार ने पिछले वर्षों में किया है,
भू माफिया के इशारे पर चलने वाली स्थानीय प्रशासन समय बद्ध लक्ष्य हासिल करने की अपेक्षा जनता ने खो दी है: अमर अग्रवाल

