रायपुर वॉच

CG हाई कोर्ट ने कहा- धन की कमी के आधार पर सेवानिवृत्त कर्मचारी के देयकों का भुगतान नहीं रोका जा सकता, 60 दिनों के भीतर भुगतान के निर्देश

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  • याचिकाकर्ता रिटायर्डकर्मी को 60 दिनों के भीतर समस्त देयकों का भुगतान नहीं करने पर देना होगा 10 फीसद ब्याज

बिलासपुर। राज्य पशुधन विभग के कर्मचारी को सेवानिवृत्ति के दो साल बाद भी उनके देयकों का भुगतान नहीं किया गया। इस मामले में दायर याचिका की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने कहा है कि धन की कमी के आधार पर सेवानिवृत्त कर्मचारी के देयकों का भुगतान नहीं रोका जा सकता है। कोर्ट ने आदेशित किया है कि 60 दिनों के भीतर याचिकाकर्ता कर्मचारी को उनके समस्त देयकों का भुगतान किया जाए। ऐसा नहीं होने पर विभाग को 10 फीसद ब्याज के साथ देयकों का भुगतान करना होगा। दुर्ग जिले के अमलेश्वर स्थित प्रगति विहार निवासी तेजकुमार देवांगन ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें बताया गया कि कृषि पशुधन विकास विभाग में कार्यरत थे। 62 वर्ष की आयु पूरी होने पर उन्हें विभाग द्वारा सेवानिवृत्ति दी गई। याचिका में बताया गया कि याचिकाकर्ता की सेवानिवृत्ति के दो साल से अधिक समय होने के बाद भी उन्हें देयकों का भुगतान नहीं किया गया है। जबकि वे प्रविधान के अनुसार इसकी पात्रता रखते हैं। याचिका में बताया गया है कि वेतनमान संशोधन के लिए हकदार हैं। इस प्रकरण की सुनवाई के दौरान विभाग द्वारा जवाब में बताया गया कि भुगतान को लेकर कोई विवाद है। बल्कि धन की कमी के कारण भुगतान नहीं हो सका है। इस मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस पी सैम कोशी ने कहा है कि किसी भी कर्मचारी की सेवानिवृत्ति के लिए बकाया राशि भुगतान के निराकरण के लिए धन की कमी कोई आधार नहीं हो सकता। कोर्ट ने उक्त आदेश के साथ ही याचिका को निराकृत कर दिया है।

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