काबुल । अफगानिस्तान में नई सरकार के गठन के साथ ही तालिबान ने कश्मीर मामले पर भी अपना रुख साफ कर दिया है। तालिबान प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा कि तालिबानी सरकार का रुख है कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान का आंतरिक मामला है और हम इस मामले में बिल्कुल भी दखल नहीं देंगे। गौरतलब है कि मंगलवार को ही अफगानिस्तान में तालिबान ने नई सरकार का गठन किया है लेकिन अभी आधिकारिक ऐलान नहीं किया है। संयुक्त राष्ट्र (UN) की आतंकी सूची में शामिल मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद को हेड ऑफ स्टेट यानी प्रधानमंत्री बनाया गया है। इसके अलावा तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के अध्यक्ष मुल्ला अब्दुल गनी बरादर (Mullah Abdul Ghani Baradar) को उप प्रधानमंत्री बनाया है। साथ ही मौलवी हनाफी को भी उप प्रधानमंत्री का पद देकर संतुष्ट किया गया है।
मुल्ला याकूब को मिला रक्षा मंत्री का पद
रक्षा मंत्री (कार्यकारी) का प्रभार मुल्ला याकूब को मिला है। वहीं गृह मंत्रालय (कार्यकारी) का पदभार सिराजुद्दीन हक्कानी को दिया गया है। तालिबान 9/11 हमले वाले दिन 11 सितंबर को नई सरकार का ऐलान कर सकता है। अफगानिस्तान में सरकार के गठन के साथ ही कश्मीर मामले पर तालिबान का रुख बदला हुआ दिखाई दे रहा है। दरअसल इससे पहले अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद तालिबान ने कश्मीर को लेकर बड़ा बयान दिया है। तालिबान के एक अन्य प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कहा था कि हमारे पास कश्मीर के मुसलमानों के लिए भी आवाज उठाने का अधिकार है। ऐसे में यह कयास लगाने जाने लगे थे कि पाकिस्तान की मदद कर तालिबान अलगाववादी एजेंडे को हवा देने के लिए ‘कश्मीर में इस्लामी भावनाओं को भड़काने’ का काम कर सकता है।