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लद्दाख के हाट स्प्रिंग परेड में आइपीएस जितेंद्र ने गाड़ा छत्तीसगढ़ का झंडा, हॉट स्प्रिंग में ग्रुप लीडर बने, शौर्य स्मारक में दी श्रद्धांजलि

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रायपुर : भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी आइपीएस जितेंद्र शुक्ला लद्दाख के हॉट स्प्रिंग में हर साल आयोजित होने वाली रीथ सेरेमनी में ग्रुप लीडर के रूप में शामिल हुए। उल्लेखनीय है कि केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के हॉट स्प्रिंग में प्रत्येक वर्ष ऑल इंडिया पुलिस पार्टी का आयोजन किया जाता है, जिसमें देश भर के विभिन्न राज्यों के चुनिंदा पुलिस अधिकारी शामिल होते हैं। छत्तीसगढ़ पुलिस के लिए यह गौरव का विषय है कि यहां कमांडेंट के रूप में पदस्थ आईपीएस जितेंद्र शुक्ला को ग्रुप लीडर बनकर रीथ सेरेमनी में हिस्सा लेने का अवसर प्राप्त हुआ।हॉट स्प्रिंग में शौर्य स्मारक में शहीद हुए जवानों की स्मृति में ऑल इंडिया पुलिस पार्टी द्वारा सलामी देकर उनके बलिदान को याद किया गया। आपको बता दें कि लद्दाख के हॉट स्प्रिंग में साल 1959 में 10 भारतीय सैनिक अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए चीनी सैनिकों की गोलियां सीने पर खाकर शहीद हुए थे. चीन के साथ देश की सीमा की रक्षा करते हुए जो बलिदान दिया था, उसकी याद में हर साल 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस भी मनाया जाता है.उल्लेखनीय है कि हॉट स्प्रिंग समुद्र तल से करीब 16 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है। जहाँ तक पहुँचना बहुत ही कठिन है। हॉट स्प्रिंग तक पहुँचने में चंडीगढ़ से कुल्लू, कीलांग लेह से फोब्रांग सोंगसालू होते हुए 6 दिन में अक्साई चीन एरिया के नजदीक स्थित हॉट स्प्रिंग तक पहुंचते हैं।

देशभर से ये पुलिस अधिकारी हुए शामिल

आइपीएस जितेंद्र शुक्ला(ग्रुप लीडर) की टीम में आइपीएस रोहित राजवीर , परमजीत नाथ, गौरव जी जेसानी, नरेंद्र बिजारणिया , रोहित डोगरा, के विजय शंकर , अगम जैन , नुरुल हसन, इंगावाले प्रवीण डडसाव, अपूर्वा गुप्ता, नितिन कुशलकर , सुरेश पालरिया, विवेक कुमार , मनीष खत्री , अपराजिता राय , बलराम , तसेवांग दोरजे, आर लोकेश्वरण , रवि गुप्ता, उदयाकुमार, विनोद सिंह रावत, राकेश कुमार ,संदीप आर्य ,विमल प्रसाद पांडे ,एम षणमुगम, प्रकाश कुमार पंडा इत्यादि.

कार्यशैली और व्यवहार काबिल.ए.तारीफ

आइपीएस जितेंद्र शुक्ला की कार्यशैली और उनका व्यवहार काबिल.ए.तारीफ है. वे कई जिलों में एसपी रहे लेकिन कभी किसी दबाव या लालच में फैसले नही किए. किसी के साथ अन्याय भी नही होने दिया. वे किसी राजनीतिक दबाव में भी नही आते. शायद यही वजह है कि उनके स्थानांतरण लगातार होते रहे. राजनांदगांव में एसपी रहते हुए उनके फैसलों की काफी चर्चा होती रही.

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