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आजादी के 75 वें साल के बाद भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित राजापडा़व क्षेत्र के हजारों ग्रामीण

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पुलस्त शर्मा/मैनपुर : गरियाबंद जिले के विकासखंड मैनपुर राजापड़ाव क्षेत्र के हजारों ग्रामीण आज भी आजादी के 75 वें साल बीत जाने के बाद अभी तक बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, शुद्ध, पेयजल, आवागमन लायक सड़कें से मोहताज होकर क्षेत्रवासी जीने को मजबूर हो रहे है। क्षेत्र के किसान महंगे खाद,बीज,दवाई के मार से अधमरा होने के कगार पर आ गए हैं। आज भी लोग झरने के गंदा पानी पीने को मजबूर,सुविधा युक्त अस्पताल नहीं होने के कारण बेमौत मौंते, बच्चों के पढ़ाई अंधकार मय पाँच संकुल केन्द्र में मात्र 3 हाई स्कूल 15 -20 किलोमीटर की सफर पढ़ने वाले वाले बच्चों को करना पड़ रहा है। आगे बच्चों की पढ़ाई बाधित, ऊंचे दामों में खाद बीज दवाई जिसके कारण किसान परेशान, वन पट्टे धारी हजारों किसानों की सोसाइटी में पंजीयन का अभाव, क्षेत्र के शोषित, पीड़ित,वंचित समुदाय कैसे जीवन यापन करते होंगे इन क्षेत्रों में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों का दौरा होना बेहद जरूरी है। जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों को वास्तव में जन हितैषी कार्यों को प्राथमिकता देते हुए पूरी लगन के साथ क्षेत्र मे मूलभूत बुनियादी सुविधा ग्रामीणों को मिले इस दिशा में लगातार प्रयासरत होना चाहिए। किसान, मजदूर, विद्यार्थियों, महिलाओं आदि अपने वाजिब दाम की राशि के लिए लंबी दूरी तय करके विकासखंड मुख्यालय बैंक जाना पड़ता है फिर भी पेचिदा मामले सर्वर डाउन सिस्टम में खराबी इन परेशानियों से जूझते हुए वापस बैरंग घर देर रात तक लौटते हुए भी देखा गया है बैंकिंग व्यवस्था क्षेत्र मे हो जिसका मांग क्षेत्रवासी लगातार उठाया गया मगर मामले पर अभी तक सकारात्मक बातचीत का अभाव देखा जा रहा है। इस दिशा में शासन प्रशासन को गंभीर होकर समाधान की दिशा में प्रयासरत भी होना नितांत आवश्यक है। गांव तक पहुंचने के लिए बरसात के दिनों में ग्रामीणों को जो परेशानी होती है। उसको शब्दों से बयां नहीं कर सकते हमेशा पुल पुलिया के मांग करते करते क्षेत्रवासियों के सपना चकनाचूर हो गई है। रहने के लिए झोपड़ी भी नहीं लेकिन एपीएल कार्ड धारी बाजारों से महंगे दामों में खाद्यान्न लेने के लिए मजबूर भला कौन सुनेगा इनकी फरियाद ।


किसानों के पालतू पशुओं का हाल बेहाल है।बिमारियो से पशुओं की मौते क्षेत्र में पशु औषधालय तो है लेकिन चिकित्सकों की कमी बरसों से है। पशु औषधालय में हर समय ताला लगा रहता है। आदिम जनजाति कमार समुदाय जो गोना कमारपारा मे पूर्वजों से निवासरत होते हुए खेती-बाड़ी कर रहे हैं। लेकिन अभी तक काबिज जमीनों का पट्टा नहीं मिल पाना कैसा न्याय संगत शासन-प्रशासन समझ से परे लगता है। गोना केरापारा मे पिछडा वर्ग समुदाय को न्याय संगत वन अधिकार पत्र मिले बाकायदा ग्रामसभा प्रस्तावित करते हुए खंड स्तरीय समिति में भेजें 3 वर्ष से भी ज्यादा समय हो गई लेकिन अभी तक नहीं मिल पाना शासन प्रशासन द्वारा सौतेला व्यवहार करने जैसा जैसा लगता है। क्षेत्र में ठेकेदारों के द्वारा भोले भाले ग्रामीणों को बहला-फुसलाकर के प्रधानमंत्री आवास निर्माण को समय सीमा मे पूर्ण करा दिए जाने का ढोंग रच करके सरकारी राशियों का दुरुपयोग करते हुए अभी तक प्रधानमंत्री आवास निर्माण को पूर्ण नहीं कराया गया है।लेकिन खंड मुख्यालय मैनपुर में आवास निर्माण के जिम्मेदारों के द्वारा पूर्ण करार दिया जाना कहां तक न्याय संगत है। इस पर भी जांच पड़ताल होनी चाहिए। पूरे राजा पड़ाव क्षेत्र के 7 पंचायतों में आंगनबाड़ी केंद्रों की संचालन निरीक्षण सुझाव मार्गदर्शन के लिए शोभा में वर्षों पूर्व आंगनबाड़ी परियोजना सुपरवाइजर के लिए आवास गृह निर्माण कराया गया है लेकिन आवास गृह खंडहर हो गया पर जिम्मेदारों ने कभी नहीं रुका परेशानी क्या है उस पर संबंधित विभाग को दखल दिया जाना चाहिए लेकिन आज तक ध्यान नहीं दिया जाना इसे क्षेत्रवासी क्या समझेंगे। राजापडाव क्षेत्र के बुनियादी सुविधाओं समस्याओं पर जिम्मेदारों को आत्म चिंतन करते हुए समाधान की दिशा में कार्य करने के लिए क्षेत्रवासियों ने मांग किया है।

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