- कर्मचारी-अधिकारी द्वारा ‘कलम बंद मशाल उठा’ आंदोलन से शुक्रवार को जिले के सरकारी कार्यालयो में कामकाज रहा ठप्प
बैकुंठपुर/ कोरिया (भरत मिश्रा)। जिले में बीते शुक्रवार को ज्यादातर सरकारी कार्यालय बंद रहे। क्योंकि छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी कलम बंद हड़ताल पर रहे। जिला मुख्यालयों में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया । कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन की मांग है कि, केंद्र के समान राज्य के कर्मचारी-अधिकारियों को भी महंगाई भत्ता दिया जाए। कर्मचारी-अधिकारी संघ ने महंगाई भत्ता समेत अपनी 14 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन किया । सरकारी कार्यालय बंद होने से आम जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ा कर्मचारी अधिकारी फैडरेशन के बेनर तले कर्मचारियों ने सरकार से मुख्य रूप से महंगाई भत्ता सहित 14 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा। शुक्रवार को कर्मचारी बैकुंठपुर के छिंदडांड धरना स्थल में एकत्र हुए। जिसमें विभिन्न वक्ताओं ने अपने विचार रखे। इस दौरान मुख्य रूप से जिला संयोजक अशोक कुमार यादव, वरिष्ठ उपाध्यक्ष पवन रुपोलिहा, प्रवक्ता अशोक गुप्ता समेत अन्य कर्मचारी व अधिकारी भारी संख्या में मौजूद थे। छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष और अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के मुताबिक शासकीय सेवकों के लंबित मांगों से संबंधी 14 सूत्रीय मांग है। संघ का कहना है कि केन्द्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़कर 17 से 28 प्रतिशत हो गया है, जबकि छत्तीसगढ़ राज्य के शासकीय सेवकों और पेंशनरों को 1 जनवरी 2019 से मात्र 12 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिल रहा है। राज्य के कर्मचारी केन्द्रीय कर्मचारियों से 16 प्रतिशत पीछे हो गए है। इस कारण प्रतिमाह के वेतन में 4-5 हजार रुपए आर्थिक क्षति हो
रही है।
यह है इनकी 14 सूत्रीय मांग:-
विभागीय पदोन्नति-समयमान वेतनमान स्वीकृति, अनियमित कर्मचारियों का नियमितीकरण, पुराना पेंशन योजना बहाली, आकस्मिक-कार्यभारित चतुर्थ वर्ग कर्मचारियों का नियमितीकरण, पटवारियों की पदोन्नति और कार्यालयीन उपयोग के लिए लैपटॉप देने. छग राज्य में पेंशन प्रोसेसिंग सेल की स्थापना और अन्य मांगों के समर्थन में छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन चार चरणों
में आंदोलन भी कर चुका है।
विभिन्न संघो का मिला सर्मथन:-
इस सामूहिक अवकाश को लघु वेतन चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, वाहन चालक यांत्रिक कर्मचारी संघ, नगर निगम कर्मचारी संघ, छत्तीसगढ़ डाटा एंट्री ऑपरेटर संघ, छत्तीसगढ़ स्टेट सिविल सप्लाईज कॉरपोरेशन लिमिटेड समेत अनेक संगठनों ने सहमति दिया है।