महेन्द सिंह/पांडुका /नवापारा/राजिम : लगभग चार दशक तक छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक के विभिन्न शाखा जो बेहद दुर्गम और पहुंच विहीन जगहों में 80 और 90 के दशक में थी वहां बैंकिंग प्रणाली को स्थापित करने के लिए और क्षेत्रीय लोगों के विकास के साथ राष्ट्र विकास में साथ देने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक के बहुत सारे कर्मठ अधिकारी और कर्मचारीयो ने बहुत मेहनत की और उनमें से एक श्रवण कुमार सेन थे जो सुपरवाइजर के पद पर भर्ती हुए और सीनियर ब्रांच मैनेजर के पद से दिनांक 31/8/ 2021 को क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक शाखा पांडुका से सेवानिवृत्त हुए उनके सर्विस काल का अधिकांश समय गरियाबंद जिले के विभिन्न शाखाओं में गुजरा जहां पर उन्होंने ग्रामीण जनों से हमेशा मधुर संबंध बनाकर बैंकिंग प्रणालियों को उच्चतम स्थान में पहुंचाया इस बारे में विदाई समारोह में पधारे छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक सीपी सेन ने कही। उक्त कार्यक्रम में बैंक के अन्य अधिकारी कर्मचारी रवि चंदेल, प्रवीण बम्बेश्वर, चेतना साहू मनोज पारीक जगदीश सिन्हा सहित कोपरा ,फिंगेश्वर राजिम, बेलर के कर्मचारियों अधिकारियों और कौशल यादव जितेंद्र तारक सहित अंचल के काफी गणमान्य नागरिक उपस्थित थे जिन्होंने श्री सेन के कार्यकाल के बारे में उनकी कर्मठता के बारे में प्रकाश डाला और कहा सेवानिवृत्ति के पश्चात सेन साहब स्वस्थ और खुशहाल जिंदगी जीते हुए अपने परिवार के बीच समय बिताएं यही ईश्वर से प्रार्थना है। श्री सेन ने आम ग्राहक से लेकर किसानों और सरकारी योजनाओं के बैंकिंग प्रोसेस में सभी वर्ग के लोगों का अथक मेहनत कर साथ दिया आम जनता के लिए आवि स्मरणीय है। विदाई समारोह को बैंक के अन्य अधिकारियों ने भी संबोधित किया, अपने विदाई भाषण में श्रवण कुमार सेन ने कहा कहीं भी कार्य करना चाहे संस्था हो फील्ड हो जब वहां से रुखसत यह रिटायर्ड होना पड़ता है तो मन में फीलिंग तो रहती है लेकिन यह तो शाश्वत है प्रकृति का नियम है इसी के हिसाब से शासकीय गैर शासकीय सेवा में भी यही बात होती है आपके रिक्त स्थान में सृजन के नियम के अनुसार फिर कोई युवा फ्रेशर आकर दायित्व संभालेगा, जिंदादिली की पहचान और शेरो शायरी के शौकीन सेन साहब ने अपने सेवानिवृत्ति पर बहुत शानदार पैरोडी कही, कर्म पथ का कठिन डगर गुजरता हुआ वक्त गुजर जाएगा,, अगर पास रह जाएगा,,, जो बरसों बाद रह जाएगा वह होगा आपका सदव्यवहार, सत्कर्म और एक दूसरे की यादें ता जिंदगी देती हैं आशीष और दुआओं का असीम भंडार,
यही है जीवन का असली सार।।। कार्यक्रम के अंत में सभी बैंक के स्टाफ और गणमान्य नागरिक जनों के द्वारा श्री सेन को उपहार और स्मृति चिन्ह भेंट किया गया।