रायपुर : छत्तीसगढ़ में इस साल औसत से 15 प्रतिशत बारिश कम होने के बाद किसान ही नहीं, सरकार भी चिंता में पड़ गई है। राज्य में सूखे की आशंका के मद्देनजर मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने संभागायुक्तों एवं कलेक्टरों को अनियमित एवं खंड वर्षा की वजह से फसलों के नुकसान की स्थिति का तेजी से सर्वे कराने के साथ ही अपने अधीनस्थ अधिकारियों को गांवों का अनिवार्य रूप से दौरा कर फसलों की स्थिति के अवलोकन तथा किसानों से संपर्क करने के भी निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही नुकसान की स्थिति का आकलन करने भी कहा गया है। मुख्य सचिव ने गांवों से मिली गिरदावरी रिपोर्ट को भी अद्यतन करने के निर्देश दिए हैं।
गांवों में रोजगार देने के निर्देश
मुख्य सचिव ने कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि गांवों में जरूरतमंद लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए भी आवश्यक कार्ययोजना तैयार करें तथा मनरेगा, कैंपा एवं अन्य योजनाओं के माध्यम से काम की उपलब्धता सुनिश्चित करें। इससे साफ है कि सरकार को अब केवल बारिश और खेती की ही नहीं, बल्कि इस बात की भी चिंता है कि खेती-किसानी से जुड़े ग्रामीणों की रोजी-रोटी कैसे चले।
कमिश्नरों-कलेक्टरों से की बातचीत
मुख्य सचिव श्री जैन ने मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संभागायुक्तों एवं कलेक्टरों की बैठक लेकर चालू खरीफ सीजन में अनियमित एवं खंड वर्षा के कारण खरीफ फसलों की उत्पादकता पर होने वाले प्रभाव की विस्तार से जानकारी ली। कलेक्टरों को गिरदावरी को पूरी सजगता और गंभीरता के साथ पूरा कराने तथा इस पर कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह शासन का सबसे महत्वपूर्ण एवं सर्वोच्च प्राथमिकता का कार्य है। इसमें किसी भी तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। इस दौरान मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुब्रत साहू भी बैठक में मौजूद थे।