बिलासपुर: राज्य अधिवक्ता परिषद व जिला अधिवक्ता संघ के चुनाव में एक बार निर्वाचित पदाधिकारी को दोबारा चुनाव लड़ने से रोकने को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है। इसमें मद्रास हाई कोर्ट के फैसले का भी हवाला दिया गया है। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के अधिवक्ता उत्तम कुमार पांडेय ने अधिवक्ता राजेश केशरवानी के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। इसमें उन्होंने े स्टेट बार काउंसिल और जिला अधिवक्ता संघ के चुनाव में विजयी प्रत्याशी के कार्यकाल को चुनौती दी है। याचिका में बताया गया है कि स्टेट बार का कार्यकाल पांच साल का होता है, जबकि जिला अधिवक्ता संघ का दो साल का कार्यकाल है। लेकिन संघ के कुछ पदाधिकारी एक बार निर्वाचित होने के बाद लगातार चुनाव लड़ते हैं, जिससे परिषद व संघ में उनका एकाधिकार हो जाता है। दरसअल संघ में कई ऐसे अधिवक्ता भी रहते हैं, जो वकालत नहीं करते। ऐसे वकील इसमें सदस्य रहते हैं और इनके द्वारा मतदान भी किया जाता है। याचिका में बताया गया है कि पदाधिकारियों के दोबारा चुनाव लड़ने से प्रतिबंध लगाने पर नए व युवा अधिवक्ताओं को मौका मिलेगा और स्टेट बार व जिला संघ में स्वच्छ वातावरण व वकीलों के हित में काम होगा। प्रकरण में बार काउंसिल चुनाव को लेकर मद्रास हाई कोर्ट के आदेश का हवाला भी दिया गया है। इसी आधार पर राज्य में भी व्यवस्था बनाने की मांग की गई है। इस प्रकरण की सुनवाई बुधवार को जस्टिस पीसेम कोशी की एकलपीठ में हुई। इस दौरान अधिवक्ता परिषद के चुनाव नियम के संबंध में भी तर्क दिया गया और स्टेट बार व जिला अधिवक्ता संघ में एकाधिकार रोकने की मांग की गई। जस्टिस कोशी ने प्रकरण की सुनवाई करते हुए राज्य अधिवक्ता परिषद को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
निर्वाचित पदाधिकारी को दोबारा चुनाव लड़ने से रोकने लगाई याचिका
