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विधानसभा में धर्मांतरण के मुद्दे पर हंगामा: BJP विधायकों ने कहा- प्रदेश में बस रहे बांग्लादेशी-रोहिंग्या, सरकार की शह पर आदिवासियों का धर्म बदला जा रहा, स्पीकर ने ‘काम रोको’ ठुकराया

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रायपुर : स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव और कांग्रेस विधायक बृहस्पत सिंह का विवाद खत्म होने के बाद विधानसभा में धर्मांतरण के मुद्दे पर हंगामा हो गया। भाजपा विधायकों ने प्रदेश में बड़े पैमाने पर धर्मांतरण होने का आरोप लगाया है। उनका कहना था, ‘सरकार की शह पर ऐसा हो रहा है। प्रदेश में बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुसलमान बस रहे हैं। आदिवासियों का धर्म बदलवाया जा रहा है।’ विपक्ष ने इस मुद्दे को महत्वपूर्ण बताते हुए सदन का काम रोक कर चर्चा कराने की मांग की और करीब आधे घंटे तक हंगामे की स्थिति रही। हालांकि विधानसभा अध्यक्ष ने इस पर बाद में व्यवस्था देने की बात कही है, तब मामला शांत हो गया।

विधानसभा में बुधवार को भाजपा ने धर्मांतरण का मुद्दा उठाया। भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, प्रदेश में आदिवासियों को बहला-फुसलाकर धर्म बदलवाया जा रहा है। इसे सरकार की जानकारी में होने की बात भी कही। भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश की। भाजपा ने सुकमा एसपी के एक पत्र का हवाला भी दिया। SP ने अपने उस पत्र में धर्मांतरण की वजह से समुदायों में विवाद की आशंका जताई थी।

भाजपा विधायकों ने कहा, अम्बिकापुर के महामाया पहाड़ में भी रोहिंग्या मुसलमानाें को बसाने की जानकारी आ रही है। प्रदेश के कई हिस्सों में बांग्लादेशी बस रहे हैं। अबूूझमाड़ के गांवों, राजनांदगांव, बिलासपुर, जशपुर और सरगुजा में बड़े पैमाने पर धर्मांतरण की घटनाएं सामने आ रही हैं। भाजपा की ओर से नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, शिवरतन शर्मा आदि ने भी इस मामले में कड़ी कार्रवाई और चर्चा की मांग की। भाजपा विधायकों ने कहा, ‘धर्मांतरण केवल सुदूर क्षेत्रों और गांवों में ही नहीं हो रहा है। यह रायपुर जिले में भी हो रहा है। बिरगांव में ऐसी घटनाओं की सूचना मिली है। भाजपा विधायकों का कहना था, यह गंभीर स्थिति है। इसपर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।’

मांग नहीं मानी, किसी न किसी रूप में चर्चा का आश्वासन
करीब 25-30 मिनट तक हंगामे के बाद भी विधानसभा अध्यक्ष ने काम रोक कर चर्चा कराने की विपक्ष की मांग नहीं मानी। उन्होंने कहा- विपक्ष की बात सुन ली गई है। वह किसी न किसी रूप में इस विषय पर चर्चा बाद में कराएंगे। यह आश्वासन मिलने के बाद विपक्ष अपनी सीट पर बैठ गया और तीसरे दिन की कार्यवाही जारी रही।

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