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कोरोनाकाल में काम-काज प्रभावित हुआ तो पालक निजी स्कूलों को नहीं दे पाएं फीस, अब सरकारी स्कूल में दिला रहे दाखिला

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  • 60 प्रतिषत बच्चें निजी से सरकारी स्कूल में पहुंचें

तिलकराम मंडावी/डोंगरगढ़ : कोरोनाकाल के दोनों लहर ने आम जनजीवन को बुरी तरह से प्रभावित किया। कई लोग बेरोजगार हो गए तो किसी का व्यापार ठप्प हो गया। ऐसे में निजी स्कूलों में अपनें बच्चों को पढ़ानें वालें पालक हर माह फीस नहीं भर पाएं। निजी स्कूलों ने भी षासन के निर्देष के बावजूद अपनी मनमानी की और फीस नहीं जमा करनें वालें बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई भी नहीं कराया। एक तरफ काम-काज प्रभावित होनें से पालकों ने निजी स्कूलों को फीस देनें में असमर्थता जता दी लेकिन निजी स्कूलों ने फीस में किसी तरह की रियायत नहीं दी। वर्श 2020 में सरकारी व निजी स्कूलें ऑनलाइन ही संचालित हुई। लेकिन इस सत्र से ऑफलाइन क्लास लगानें का आदेष जारी होनें के बाद पालकों ने निजी स्कूलों से सरकारी स्कूल की ओर रूख कर लिया। षासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल व स्वामी आत्मानंद इंग्लिष मीडियम सरकारी स्कूल में 60 प्रतिषत ऐसे बच्चों ने एडमिषन लिया है, जो अब तक निजी स्कूलों में पढ़ाई कर रहे थे। लगातार काम प्रभावित रहनें से आम आदमी का बजट बिगड़ गया है। इसलिए पालकों ने अपनें बच्चों को सरकारी स्कूल में दाखिला दिलाया है। सरकारी स्कूल में एडमिषन के लिए 31 जुलाई अंतिम तिथि है, इसलिए निजी स्कूलों से स्थानांतरण प्रमाण-पत्र लेकर सरकारी स्कूल में एडमिषन के लिए जद्दोजहद कर रहे है। 2 अगस्त से स्कूलों में ऑफलाइन क्लास षुरू हो जाएगी।

आत्मानंद स्कूल खुला इसलिए और बढ़ा रूझान- प्रदेष सरकार ने सभी ब्लॉकों में सरकारी स्कूलों में बदलाव करतें हुए इंग्लिष मीडियम स्कूल संचालित कर रही है। 1 लीं से 12 वीं तक इंग्लिष मीडियम होनें से पालकों को निजी स्कूलों का विकल्प मिल गया और आर्थिक समस्या से निपटनें के लिए सरकारी स्कूल में दाखिला दिलाया है। खासकर 2021 में 60 प्रतिषत बच्चें निजी से सरकारी स्कूल में पहुंचें है। आत्मानंद स्कूल में षिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। कोरोना से षहरी क्षेत्र के पालक सबसें अधिक प्रभावित हुए है।

सीबीएसई से सीजी पाठ्यक्रम की करेंगे पढ़ाई- निजी इंग्लिष मीडियम में पढ़ रहे अधिकतर बच्चें सीबीएसई पाठ्यक्रम में पढ़ाई कर रहे थे। हालांकि आत्मानंद स्कूल में सीजी पाठ्यक्रम से पढ़ाई होगी। षिक्षाविद्ों का कहना है कि बोर्ड बदलनें से बच्चों पर खासा असर नहीं होगा। क्योंकि इंग्लिष मीडियम में ही सीजी पाठ्यक्रम की पढ़ाई होगी साथ ही सामान्य बोलचाल में भी षिक्षक व बच्चें अंग्रेजी भाशा का ही प्रयोग करेंगे। वहीं हिंदी मीडियम से इंग्लिष मीडियम में दाखिला लेनें वालें बच्चों को सीखनें में थोड़ी परेषानी होगी।

प्रत्येक क्लास में 40 बच्चों का सेटअप, एडमिषन पूर्ण- बालक हायर सेकेंडरी स्कूल व आत्मानंद इंग्लिष मीडियम के प्राचार्य केएस साहू के अनुसार इंग्लिष मीडियम में प्रत्येक कक्षाओं के लिए 40 बच्चों का सेटअप है। कक्षाओं में एडमिषन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। यह पहली मर्तबा देखा गया है कि निजी स्कूलों के पालकों ने भी अपनें बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ानें में रूचि दिखाई है। पहलें तो कोरोनाकाल में काम-काज प्रभावित व सरकारी इंग्लिष मीडियम खुलनें से सरकारी स्कूल की ओर पालकों का रूझान बढ़ा है। एडमिषन की प्रक्रिया के बाद 10 वीं व 12 वीं की ऑफलाइन क्लास 2 अगस्त से षुरू होगी।

स्कूल आनें वालें सभी बच्चों के पालक देंगे सहमति पत्र- हिंदी व अंग्रेजी माध्यम दोनों स्कूल में ऑफलाइन क्लास प्रारंभ होनें से पहलें ही स्कूल प्रबंधन ने नियम जारी कर दिया है। प्राचार्य केएस साहू ने बताया कि सभी बच्चों के पालकों को सहमति पत्र देना होगा। स्कूल भेजनें के लिए पालकों की सहमति इसलिए आवष्यक मानी जा रही है, क्योंकि भविश्य में स्थिति बिगड़नें पर प्रबंधन जिम्मेदार न रहे। हालांकि कोविड-19 प्रोटोकॉल के नियमों का पालन करतें हुए ही ऑफलाइन क्लास चलेगी। इसमें बच्चों को मास्क, सैनिटाइजर व स्वयं का पानी बोतल घर से लेकर आना होगा।

नई बिल्डिंग तैयार होनें के बाद भी पुरानी की जरूरत, चल रहा मरम्मत- षासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल के लिए नई बिल्डिंग तैयार हो गई है। लेकिन आत्मानंद इंग्लिष मीडियम खुलनें से बिल्डिंग की कमी पूरी नहीं हुई है। नई बिल्डिंग में इंग्लिष मीडियम व पुरानी में हिंदी मीडियम की कक्षाएं लगेगी। पुरानी बिल्डिंग में मरम्मत का काम तेजी से चल रहा है। फिलहाल दोनों बोर्ड क्लास नई बिल्डिंग में लगेगी। 10 वीं के लिए तीन सेक्षन व 12 वीं के लिए चार सेक्षन बनाएं गए है।

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