■ महज मुख्यालय से 5 किलो मीटर की दूरी पर बसा आश्रित ग्राम चिवरांग की गंगा बाई ने वृद्ध महिला के साथ किया बहुत बड़ा धोका..!!
■ रखीराम के द्वारा इसकी की शिकायत कांकेर थाना कोतवाली में की गई है..!!
■वृद्ध /वृद्धा ने अपनी जमीन वापस लेने के लिए जिला प्रशासन से लगाई गुहार..!!
■ गीता बाई नें बगैर जमीन मालकिन शमारी बाई से पूछे बेच दी दो एकड़ जमीन..!!
■ महिला नटवरलाल ने वृद्ध /वृद्धा के साथ किया बहुत बड़ा फ्रॉड…!!
■ रखीराम के द्वारा इसकी की शिकायत कांकेर थाना कोतवाली में की गई है..!!
■वृद्ध /वृद्धा ने अपनी जमीन वापस लेने के लिए जिला प्रशासन से लगाई गुहार..!!
■ गीता बाई नें बगैर जमीन मालकिन शमारी बाई से पूछे बेच दी दो एकड़ जमीन..!!
■ महिला नटवरलाल ने वृद्ध /वृद्धा के साथ किया बहुत बड़ा फ्रॉड…!!
अक्कू रिजवी/कांकेर: महेज मुख्यालय से लगे ग्राम चिवरांग की गंगा बाई ने शमारी बाई के ज़मीन संबंधी फ्रॉड अब तक बड़े शहरों में ही होते आए हैं लेकिन ऐसा लगता है कि अब यह बीमारी गांवो में भी फैल गई है ,जिसका उदाहरण है उत्तर बस्तर के जिला मुख्यालय कांकेर से मात्र 5 किलोमीटर दूर ग्राम चिवरांज, जहां के रहने वाले वृद्ध दंपति के साथ गांव की ही एक महिला गीता बाई ने 2 एकड़ कृषि भूमि की धोखाधड़ी कर दी है और उसे अपने नाम रजिस्ट्री भी करवा लिया है। घटना इस प्रकार बताई जाती है कि इसी ग्राम में रहने वाली श्रीमती कुमारी बाई पति रखे राम जाति गुण गोंड आदिवासी ने जुझारू राम मनकेशरी से 5 एकड़ कृषि भूमि खरीदी थी, जिस के पक्के कागजात आज भी उसके पास हैं लेकिन समारी बाई तथा उसके पति दोनों की वृद्धावस्था का लाभ उठाकर गांव की ही गीताबाई पति रेन सिंह गोंड ने उस 5 एकड़ ज़मीन में से दो एकड़ ज़मीन पर न केवल नाजायज़ कब्ज़ा कर लिया बल्कि इतने चुपके से रजिस्ट्री भी करवा ली कि ज़मीन की असली मालकिन को पता तक नहीं चला कि दो दिसंबर 2020 को उसकी 2 एकड़ ज़मीन कांकेर के उप पंजीयक कार्यालय में गीता बाई के नाम पर रजिस्ट्री हो चुकी । इसका पता तब चला , जब इस वर्ष आए हुए नए पटवारी ने समारी बाई को बताया कि यह तो आप की ज़मीन है और यह नक्शा है । इसके बाद सोमारी बाई ने बहुत प्रयास किए लेकिन आज तक वह ज़मीन उसे वापस नहीं मिली। बल्कि पति पत्नी वृद्धावस्था में जिस मकान में रहते हैं और साथ में खेत भी है उस क्षेत्र को भी हड़पने के गांव वालों के द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं और उनके खेती करने में अड़ंगे लगाए जा रहे हैं ,जिसके कारण वृद्ध दंपति का वहां रहना- जीना मुश्किल हो गया है ।गांव वालों ने भी दबाव बनाते हुए दंपति का बाय काट कर रखा है जो कि अपने आप में एक गैर कानूनी काम है। गांव वालों की इन हरकतों के विरुद्ध श्रीमती समारी बाई ने कांकेर थाना में 25 जुलाई को रिपोर्ट भी लिखवा दी है किंतु 3 दिन बाद भी अब तक कोई कार्यवाही होती नज़र नहीं आ रही है । यह बड़े ही आश्चर्य की बात है कि वृद्ध दंपत्ति के साथ हो रहा है अत्याचार लेकिन गांव वाले थाने वाले सब तमाशा देख रहे हैं । कोई मदद नहीं कर रहा है। यदि कानून व्यवस्था की यही हालत रही तो कांकेर में ऐसी स्थिति हो सकती है कि कोई भी नटवरलाल किस्म का व्यक्ति किसी की भी ज़मीन को बेच खायेगा और पीड़ित व्यक्ति रोता चिल्लाता रह जाएगा। कलेक्टर महोदय तथ जनप्रतिनिधियों से आशा की जाती है कि फील्ड में जाकर नक्शे की सहायता से इस मामले की बारीकी से जांच करें तथा वृद्ध दंपति को उनकी 2 एकड़ ज़मीन पर वापस कब्जा दिलवाएं तथा फ्रॉड करने वाले तमाम लोगों को दंडित करें। तत्कालीन पटवारी पर भी कार्यवाही होनी चाहिए ,जिन्होंने चुपचाप रजिस्ट्री करवा दी और ट्रांसफर पर चले गए। इस संबंध में रेवेन्यू इंस्पेक्टर तथा उप पंजीयक की भी ज़िम्मेदारी तय की जानी चाहिए, जिन्होंने घटनास्थल निरीक्षण किए बगैर क्यों और कैसे धोखाधड़ी वाली रजिस्ट्री हो जाने दी…?