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अंधविश्‍वास का खुला खेल, ‘आत्मा’ लेने आए आलीराजपुर जिले के 100 से अधिक लोग

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डही । जिस जगह सड़क दुर्घटना में एक व्यक्ति की मौत हुई थी, उस जगह आलीराजपुर जिले के 100 से अधिक लोग 40 किलोमीटर दूर धार जिले में उसकी आत्मा को लेने पहुंचे। ग्राम के बड़वा (तांत्रिक क्रियाओं का जानकार) की उपस्थिति में एक घंटे तक दुर्घटना स्थल पर पूजा की गई। अब सोमवार को इस मृत व्यक्ति के गांव में मृत्यु भोज की रस्म निभाई जाएगी। नजारा था शनिवार को क्षेत्र के ग्राम पड़ियाल व सुसारी के मध्य स्थित मुख्य सड़क किनारे का। यहां 100 से अधिक महिला-पुरुष काफी देर से पूजा पाठ कर रहे थे। भीड़ में शामिल हरेसिंह व मोतेसिंह ने कहा कि मृत व्यक्ति की जीव (आत्मा) को लेने आए हैं। मान्यता अनुसार पूजा-पाठ व अन्य रस्म करने से जिस स्थान पर मृत व्यक्ति की आत्मा निकली थी, वह अब यहां नहीं भटकेगी व उसे शांति मिलेगी। आत्मा मृत व्यक्ति के घर पहुंचेगी। फिर दो दिन बाद सोमवार को मृत्यु भोज की रस्म की जाएगी।

ट्रैक्टर की टक्कर से हुई थी मौत

हरेसिंह ने बताया कि दस दिन पहले ट्रैक्टर की टक्कर से बाइक सवार गेमा पुत्र दखनसिंह की यहां मौत हो गई थी। वह 40 किमी दूर ग्राम कुकलट (आलीराजपुर जिला) का रहने वाला था। कुकलट से डही होते हुए कुक्षी जा रहा था, तब यह हादसा हो गया था। अब गांव के कुछ लोग, स्वजन व रिश्तेदार घटनास्थल पर उसकी जीव को लेने आए हैं।

इसलिए निभाते हैं परंपरा

दरअसल, धार, आलीराजपुर व झाबुआ जिले के आदिवासी इलाकों में इस तरह की अनोखी व अनूठी रस्म को निभाने की परंपरा अब तक चली आ रही है। इसके तहत जिस जगह पर किसी व्यक्ति की अकाल व असमय मृत्यु हो जाती है, तो आदिवासियों में ऐसी मान्यता है कि उस जगह उसकी आत्मा को शांति मिले, इसलिए वहां पूजा की जाती है। इसे जीव लेने जाने कहा जाता है।

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