- छत्तीसगढ़ वाॅच ने किया खुलासा नगर के बीच संचालित माध्यमिक स्कूल के प्रांगण में खड़े आठ सागौन पेड़ों को सागौन चोरों ने काटकर दो पेड़ ले जाने में हुए कामयाब
- सप्ताह बर के बाद मामला पकड़ तुल हरकत में आया वन मंडलाधिकारी अधिकारी सागौन लठ्ठे पहुंचे निस्तार डिपो
सम्ममैया पागे/बीजापुर: वन विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही के मामले अधिकांशत: सामने आते रहते है। ये कोई नई बात नहीं हैं। अलबत्ता बीजापुर बीच नगर में जब सागौन पेड़ कटते हैं तो विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों की लापरवाही उनकी कार्यप्रणाली को संदेहात्मक बनाती है। मसलन 52 किलोमीटर दूर स्थित जिले के भोपालपटनम के वन विभाग के समान्य जंगल हो या फिर इंद्रावती टायगर रिजर्व के आरक्षित जंगलों में सागौन चोरो ने बेश कीमती सागौन के पेड़ों को दिन में काटकर रात में ले जाने का सिलसिला गुुुप्तगु चर्चा का विषय बना हुआ हैं , बता दें कि यहां उप मंडलाधिकारी रहें चुके अशोक पटेल का प्रमोशन होने के बाद वन मंडलाधिकारी बनकर पुनः वन मंडल बीजापुर में पदस्थ होकर कार्यभार संभाला रहे को वन विभाग के जंगल और नगर में स्थित सागौन पेड़ों से वाकिफ नहीं हैं यह कहना बेमानी होगा। इनके लापरवाही के कारण सागौन चोर नेशनल मार्ग 63 के किनारे एवं नगर के बीच संचालित जनपद माध्यमिक स्कूल के प्रांगण के सरकारी जमीन पर सालों से खड़े बडे़ लाखों रुपयों के सागौन के आठ पेड़ों को रातो रात सुनियोजित तरीके से हाथ आरा से काटकर आठ में से दो सागौन पेड़ों को गायब करने में सफल हो गए। गौर करने वाली बात हैं कि नेशनल मार्ग 63 किनारे बीच नगर में संचालित माध्यमिक स्कूल के इर्द-गिर्द व्यवहार न्यायालय एवं राजस्व विभाग व अपराध नियंत्रण केंद्र में पदस्थ कर्मचारी और रसूखदारों का सुरक्षित एरिया हैं। ऐसे सुरक्षित जगह से लाखों रुपयों के सागौन पेड़ों को गुपचुप तरीके से काटकर सागौन चोर ले जाते है और किसी को भनक भी नहीं लगता है , ऐसे में वन विभाग और रसूखदार एवं कारपेंटर की मिलीभगत की बु आ रही है। इस संंदर्भ में छत्तीसगढ़ वाॅच को सूचना मिलते ही वन मंडलाधिकारी अशोक पटेल बीजापुर से दूरभाष पर पूछने पर उन्होंने बेखबर जताते हुए राजस्व का मामला बताकर जिम्मेदारी से साफ इंकार कर दिए। इस तरह वन विभाग के लापरवाही के चलते वनों की कटाई पर अंकुश नहीं लग पाता है और विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को बदनामी का दंश झेलना पड़ता है। जिले में आए रोज कहीं ना कहीं हरे भरे वृक्षों को काटे जाने का मामला अप्रत्यक्ष रूप से सुर्खियों में बना रहता हैं। अमूमन देखा गया है कि वन विभाग अधिकांश कार्यवाही में केवल ठूंठ पर हेमवर मारकर ही इतिश्री कर लेते है जिसके चलते चोरों के द्वारा सागौन पेड़ों को काटने में कामयाब हो जाते हैं। गौरतलब है कि वन विभाग ने अब सागौन चोरों के हवाले कर दिया हैं जिन पर मौका पाकर सागौन चोरी करने वालों की नजर जमीं रहती है।लेकिन वन विभाग की उदासीनता के चलते बीच नगर में चोरों ने इस बहुमूल्य वन संपति का दोहन करने के मंसूबों पर छत्तीसगढ़ वाॅॅच ने पानी फेर दिया। और वनविभाग भरपूर अमला तैनात है नेशनल सड़क के किनारे नगर के बीच जब सागौन की इतनी अवैध कटाई हो गई तो जंगल के अंदर कितनी कटाई हो रही होगी? यह कल्पना की जा सकती है। वनविभाग के लापरवाह अधिकारी और कर्मचारियों द्वारा अनदेखी की जाने कारण लकड़ी चोर के द्वारा चोरी छिपे सागौन पेड़ काटकर ले जाने के फ़िराक़ में रहते हैं इसकी भनक तक विभाग को नही लगता है । यहाँ स्पष्ट होता है कि वन विभाग ने यह बेसकीमती सागौन चोरो के हवाले कर दिया है। जिससे वनों में सागौन का तेजी से सफाया होता जा रहा है। चोरों ने सागौन पेड़ों को काटने का मामला किसी तरह वन मंडलाधिकारी को पता होने के बाद भी नजरंदाज कर दिया। सप्ताह बर के बाद जब मामला तुल पकड़ा तो वहीं बेखबर वन मंडलाधिकारी राजस्व का बताकर जिम्मेदारी से हाथ खड़े करने वाले कटे हुए सागौन पेड़ों को कब्जे लेकर जेसीबी से उठवाकर निस्तार डिपो पहुंचाया गया। मामले में कार्रवाई क्या हुआ जानने के लिए वन मंडलाधिकारी अधिकारी के इस नंबर पर 8889497896 काल मिलाया तो रिसीव नही किया गया , मामले में खानापूर्ति कर्रवाई करने का अंदेशा बना हुआ हैं ।