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सैकड़ों वर्ष पुरानी रथ यात्रा की परंपरा में कोरोना का कहर

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अक्कू रिजवी/कांकेर : कांकेर की जगन्नाथ रथ यात्रा सैकड़ों वर्ष पुरानी है जब से यहां का राजवंश है तब से लगातार यहां जगन्नाथ जी की पूजा एवं रथ यात्रा होती ही चली आ रही थी लेकिन सन 2020 तथा 2021 में कोरोना के कहर के कारण रथ यात्रा को एकदम सादगी पूर्ण और मात्र एक दस्तूर रस्म अदायगी के तौर पर मनाना पड़ रहा है। जिससे त्यौहार मनाने का जनता का उत्साह भी समाप्त हो गया है। यह वह त्यौहार है जिसकी तैयारियां बहुत पहले से शुरू की जाती थी और नौ 10 दिनों तक त्योहार जैसा ही माहौल रहता था। एकादशी में भगवान के वापस आने पर ही त्यौहार का शानदार समापन होता था। जगन्नाथ जी का रथ कांकेर शहर के सभी प्रमुख मार्गों में परिभ्रमण करता था और सभी लोग उत्साह से रथ का स्वागत करते थे । प्रसाद लेते थे। अब रथ को मात्र थोड़ी दूर तक चलाया जाता है और उसके पश्चात मंदिर परिसर में ही पहले से निर्धारित एक कक्ष में भगवान को एकादशी तक के लिए स्थापित कर दिया जाता है। इस वर्ष भी सारी प्रथाएं नेग दस्तूर आदि करने के पश्चात सरकारी निर्देशों के अनुसार अधिक भीड़ न लगाते हुए रथ यात्रा को समाप्त मान लिया गया है। भगवान भी अपने परिसर स्थित अलग कक्ष में स्थापित हो चुके हैं। आज की औपचारिकताओं में सहयोग देने वाले श्रद्धालु सज्जनों में जगन्नाथ जी के पूजा पाठ एवं पर्व समिति के अध्यक्ष श्रवण सिंह चौहान, सचिव जगन्नाथ सिंह चौहान तथा माननीय सदस्यों में धर्मेंद्र प्रताप देव ,जितेंद्र तिवारी ,अरविंद चौहान, राकेश शर्मा नवीन चौहान पुनीत पटेल भक्तो पटेल नवनीत शर्मा देवी प्रसाद पांडे आशीष दुबे आशीष भदोरिया उत्तम चंद वर्मा रजनीश साहू भारत भूषण  महेंद्र चौहान तथा राज परिवार के अनेक सदस्यों के नाम उल्लेखनीय हैं।

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