रायपुर वॉच

एम्स में फेफड़ों के रोगियों के लिए नई सुविधाएं प्रारंभ, फेफड़ों की क्षमता को आसानी से परख सकेंगे

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  • टीबी, अस्थमा और पोस्ट कोविड रोगियों के लिए काफी उपयोगी होंगी नई सेवाएं
  • प्रतिदिन औसतन 350 रोगी पहुंचते हैं फेफड़े संबंधी बीमारियों के इलाज के लिए

रायपुर : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, रायपुर के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग में दो नई सुविधाएं प्रारंभ की गई हैं। इसमें एक होल बॉडी प्लेथ्समोग्राफी विद डिफ्यूजन कैपेसिटी है और दूसरी फोर्सड आक्सीलेशन टेक्नीक शामिल है। नई सुविधाओं की मदद से गंभीर बीमारियों से जूझ रहे रोगियों के फेफड़ों की जांच आसानी से की जा सकेगी। इनकी मदद से आक्सीजन लेने की क्षमता, उससे रक्तकणिकाओं पर पड़ने वाले प्रभाव और कार्बन डाइआक्साइड को बाहर निकालने की क्षमता का आंकलन किया जा सकेगा। नई सुविधाओं से टीबी, अस्थमा और पोस्ट कोविड रोगियों को काफी लाभ मिलने की उम्मीद है।

नई सुविधाओं का उद्घाटन करते हुए निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागरकर ने कहा कि विभाग में प्रतिदिन औसतन 350 रोगी पहुंचते हैं। इनमें अधिकांश टीबी या पोस्ट कोविड संबंधी समस्याओं से जूझ रहे रोगी हैं। अभी इनकी संख्या और बढ़ सकती है। ऐसे में नई सुविधाओं के प्रारंभ होने से रोगियों के उपचार में काफी मदद मिलेगी।

विभागाध्यक्ष प्रो. सजल डे ने बताया कि होल बॉडी प्लेथ्समोग्राफी विद डिफ्यूजन कैपेसिटी की मदद से फेफड़ों का एक महत्वपूर्ण टेस्ट किया जा सकेगा जिसमें फेफड़ों की आक्सीजन अंदर शरीर में लेने और इसे बाहर निकालने की क्षमता को परखा जा सकेगा। यह फेफडों की कई गंभीर बीमारियों का परीक्षण करने में काम आएगा। इसका लाभ सबसे अधिक टीबी और अस्थमा के रोगियों को मिलेगा। फेफड़ों की गंभीर बीमारियों को भी समय से पहला पता लगाने में इससे काफी मदद मिलेगी।

डिफ्यूजन कैपेसिटी स्टडी की मदद से फेफड़ों के आक्सीजन लेने के बाद रक्त में आक्सीजन घुलने की क्षमता के बारे में जानकारी मिल सकेगी। कई गंभीर बीमारियों की वजह से यह क्षमता कम हो जाती है। अब समय रहते फेफड़ों की इस क्षमता का आंकलन आसानी के साथ किया जा सकेगा। फोर्सड आक्सीलेशन टेक्नीक की मदद से प्रेशर वेव बनाई जाती हैं जो सामान्य सांसों के साथ परखी जाती हैं। इससे फेफड़ों की कार्यक्षमता का आंकलन आसानी और दक्षता के साथ किया जा सकता है। अभी सामान्य टेस्ट के माध्यम से इसका आंकलन करने में कई चुनौतियां आती थी। यह टेस्ट व्यस्कों और बच्चों दोनों पर आसानी के साथ किया जा सकेगा।

उद्घाटन कार्यक्रम में उप-निदेशक (प्रशासन) अंशुमान गुप्ता, वित्तीय सलाहकार बी.के. अग्रवाल, डा. अजाय कुमार बेहरा, डा. दिबाकर साहू, इंजी. मनोज रस्तोगी, डा. विनय पंडित, डा. मो. सबा सिद्दकी, डा. सत्याकी गांगुली, डा. जीतेन कुमार मिश्रा, डा. शमेंद्र आनंद साहू, डा. प्रनीता और डा. अजीत कुमार ने भाग लिया।

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