अक्कू रिजवी/कांकेर : भानुप्रतापपुर विकलांग *कन्हैया गावड़े की मौत* का रहस्य अब गहराता जा रहा है। कुछ माह पूर्व ही मृतक ने अपनी जमीन के गलत तरीके से *रजिस्ट्री* व राशि नही मिलने। के कारण काफी परेशान था। वे *भानुप्रतापपुर थाना से *एस.पी* कार्यालय कांकेर एवं *एसडीएम भानुप्रतापपुर से लेकर कलेक्टर* तक आवेदन देते हुए न्याय की गुहार लगाता रहा, लेकिन उसे न्याय तो नही मिला लेकिन *रहस्यमय* तरीके से उनकी मौत जरूर हो गई। विदित हो कि मृतक कन्हैया गावड़े का जमीन *खसरा नंबर 86/3 रकबा 0.90 एकड़ कन्हारगाव रेलवे लाईन* से लगा हुआ है, जिसे कुछ माह पूर्व ही नगर के *प्रतिष्ठित व्यापारी* के द्वारा *36 लाख 90 हजार में सौदा* होने की बात सामने आ रही है। जिसे व्यापारी के द्वारा शासन के आखों में धूल झोकते मात्र *2 लाख 16 रुपये* में अपने ही *एक कर्मचारी* के नाम से *रजिस्ट्री* करवा ली गई है। इस तरह से *शासन को स्टाम्प शुल्क जमा करते हुए राजस्व हानि एवं आयकर विभाग* को चुन लगाया है। चूंकि मृतक *आदिवासी* होने के कारण शासन के नियमानुसार सामान्य वर्ग के व्यक्ति जमीन नही खरीद सकते है, इसलिए अपने कर्मचारी जो कि एक *आदिवासी* है,उसी के नाम से उक्त जमीन की *रजिस्ट्री* किया गया। मृतक ने आरोप लगाते हुए कहा कि जिस व्यक्ति के नाम से *रजिस्ट्री* किया गया है। मृतक *कन्हैया गावड़े* गलत तरीके से किये गए *रजिस्ट्री व *राशि एवं *मारपीट किये जाने को लेकर काफी *परेशान* था,जो न्याय की आस लेकर अधिकारियों के पास जगह-जगह भटकता रहा,अंत मे रेलवे स्टेशन के पास उसकी ताला बंद झोपड़ी में *विक्षिप्त हालत में शव* मिला। रहस्यमय मौत के बावजूद भी *पुलिस उसे सामान्य मौत* बता रही है। यदि *जमीन विवाद* या उससे जुड़े मामले का बारीकी से जांच पड़ताल किये जायें तो कोई न कोई *सुराग* सामने आ सकती है। लेकिन पुलिस इस मामले पर जांच नही कर रहे है वह समझ से परे है। वही इस संबंध में जांच अधिकारी एसआई का कहना है कि *जमीन विवाद हमारा मामला नही है।*
मामला मृतक कन्हैया गावड़े की जमीन का… 37 लाख की जमीन, रजिस्ट्री मात्र 2 लाख 16 हजार की..!
