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इंसानियत शर्मसार:कांकेर के डुमरकोट में नवजात बच्ची को झाड़ियों में फेंका, रोई तो पता चला, बच गई जान, जुटी भीड़

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कांकेर : कोरर इलाके के गांव डुमरकोट में शुक्रवार दोपहर नवजात बच्ची नदी किनारे झाड़ियों में पाई गई। बच्ची को जब लाल चींटियों ने काटना शुरू किया तो वह रोने लगी। जिससे वहां से गुजर रहे लोगों की उस पर नजर पड़ी और उसे तत्काल वहां से उठा अस्पताल ले जाया गया। बच्ची को जन्म लेते ही फेंक दिया गया था। ग्रामीणों का कहना है यदि बच्ची ऐसे ही वहां पड़ी रहती और रोती तो शायद अनहोनी का शिकार हो जाती। शुक्रवार दोपहर 2 बजे डुमरकोट का एक ग्रामीण नदी की ओर गया था।

जहां अचानक बच्ची की रोने की आवाज आई। जिसे देख वह तत्काल इसकी सूचना गांव के कोटवार दिनेश कुलदीप को दिया। कोटवार मौके पर पहुंचा तो वहां बच्ची को देखने भीड़ जुट गई थी। लेकिन चींटियों के काटने से चीख चीख कर रो रही बच्ची को उठाने के बजाय उसकी फोटो लेते और वीडियो बनाते रहे। कोटवार ने बच्ची को उठाया और चींटियों को हटाया।

पुलिस व सरपंच को सूचना देने के साथ ही लोगों से गमछे आदि मांग उसे उसमें लपेट कोरर अस्पताल पहुंचा। अस्पताल के डाक्टरों ने बच्ची को प्राथमिक उपचार देना शुरू किया। सूचना पर कोरर तहसीलदार भी अस्पताल पहुंचीं। जिसके बाद से कांकेर जिला अस्पताल रेफर किया गया है। जहां उसे शिशु वार्ड में रखा गया है। कोटवार ने बताया कि बच्ची का शरीर गीला था। वह एक से दो घंटे पहले जन्म ली थी। जिसे ठीक से साफ भी नहीं किया गया था और झाड़ियों में फेंक दिया गया था।

जांच में जुटी पुलिस, गर्भवती महिलाओं की ली जानकारी

सूचना पर पुलिस गांव पहुंची और जांच पड़ताल शुरू की। जिसमें गांव की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व मितानिनों से संपर्क कर गांव व उसके आस पास की गर्भवती महिलाओं की भी जानकारी ली। इसके अलावा दूसरी जगह से गांव आई गर्भवती महिला व युवतियों की भी जानकारी जुटाई जा रही है। जिस हालत में बच्ची मिली है उससे आशंका है उसका जन्म आसपास ही हुआ है।

डिलीवरी कराने वाली महिलाओं पर संदेह

नवजात शिशु को फेंकने के बाद से इसे लेकर तरह तरह की आशंकाएं जताई जा रही है। इसके तहत इसे प्रेम प्रसंग में युवती के गर्भवती होने व लोक लाज के भय के चलते नवजात को फेंकना बताया जा रहा है। इसके साथ ही यह भी आशंका जताई जा रही है कहीं नवजात की कोई नाबालिग मां तो नहीं है। जिसके मामले को दबाने एसा किया गया है। डिलीवरी कराने पर झोला छाप डाक्टर व इसी तरह के कार्य से जुड़ी महिलाओं पर आशंका है।

मामले की होगी जांच: रीना लारिया

जिला बाल संरक्षण अधिकारी रीना लारिया ने कहा कि बच्ची को डाक्टरों की देखरेख में जिला अस्पताल में रखा गया है। बालक कल्याण समिति के सामने प्रस्तुत कर उसे दत्तक ग्रहण केंद्र भेजा जाएगा। नवजात को फेंकने का यह गंभीर मामला है। इसकी जांच की जाएगी।

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