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भालूओं को रोकनें वन विभाग नाकाम, रात में बस्ती तक पहुंचनें से बढ़ी दहशत

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तिलकराम मंडावी/डोंगरगढ़ : आबादी एरिया में भालूओं की चहलकदमी बढ़ गई है। रोजाना अलग-अलग इलाकों में भालू अपनी मौजूदगी दिखा रहा है। इधर वन विभाग आबादी एरिया तक भालूओं को आनें से रोकनें में नाकाम साबित हुआ है। पिछलें तीन दिनों से अलग-अलग इलाकों में लोगों ने भालू को दौड़ाया। खासकर रात में बस्ती तक भालूओं के पहुंचनें से लोगों में दहषत का माहौल है। लगातार भालूओं की दस्तक से लोगों ने षाम 5 बजें के बाद आउटर में जाना बंद कर दिया है। भालूओं के बस्ती तक पहुंचनें के पीछे के कारणों को जाननें का प्रयास किया गया। तो प्रमुख रूप से यह बात सामनें आई कि जंगल में खानें व पीनें की कमी होनें के चलतें तीन-चार की संख्या में भालूओं का परिवार बस्ती तक पहुंच रहा है। पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार ने प्रदेष के कई वन मंडलों में भालूओं को बस्ती तक आनें से रोकनें के लिए जामवंत प्रोजेक्ट षुरू किया था। जामवंत प्रोजेक्ट के माध्यम से जंगलों में भालूओं के लिए पानी व भोजन आदि की व्यवस्था करना है, ताकि भूख में भटककर भालू बस्तियों की ओर रूख न करें। लेकिन डोंगरगढ़ उपवनमंडल में जामवंत प्रोजेक्ट नहीं लागू है। बस्ती तक भालूओं के पहुंचनें से लगातार दहषत का माहौल बना हुआ है। इधर वन विभाग भी भालूओं को रोकनें के लिए कोई ठोस पहल नहीं कर पा रही है।

ये तीन केस बतातें है कि भालूओं की मौजूदगी बस्ती तक

केसः1- क्राॅस पहाड़ी में 22 जून को एक नर भालू देखा गया। जो नेहरू काॅलेज के ठीक पीछे दिन दहाड़े घूमतें हुए देखा। जिसके बाद काॅलेज के छात्रों ने भालू का फोटो भी लिया। वन विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचें और भालू को जंगल की ओर खदेड़ा। लेकिन इसी रात को फिर से भालूओं का परिवार केदार बाड़ी में स्ट्रीट लाइट के नीचे कीड़े खानें पहुंचा था। लोग दहषत के कारण षाम होनें के बाद घरों से नहीं निकल रहे है। केदार बाड़ी जंगल से लगा हुआ है। भोजन व पानी की तलाष में बस्ती तक रूख कर रहे है।

केसः2- मां बम्लेष्वरी मंदिर के पीछे स्थित श्री जटाषंकर पहाड़ी में दर्षन करनें गया एक व्यापारी व उसके बेटे का सामनें भालू से हो गया। जिसके बाद अपनी जान बचानें के लिए कपड़ा व्यापारी राजप्रीत सिंह भाटिया उर्फ राजा दौड़तें हुए मंदिर में घुस गया और स्वयं को अपनें बेटे को बंद कर लिया। लेकिन भालू की मौजूदगी से दहषत में करीब एक घंटे तक मंदिर के भीतर ही फंसे रहे। काॅल करके अपनें परिजन व दोस्तों को जानकारी दी। तब वन विभाग के कर्मचारियों के लोग पहाड़ में गए और व्यापारी व उसके बेटे को बाहर निकाला।

केसः3- नीचे मंदिर व रिहायषी इलाका थाना चैक में चहलकदमी रविवार की रात देखनें को मिली। रात करीब 9 बजें लोगों ने एक भालू को नीचे मंदिर के सामनें घूमतें हुए देखा। जिसके बाद लोगों ने डंडा लेकर दौड़ाया। कुछ ही देर बाद वहीं भालू रेलवे टैªक पार कर रिहायषी इलाका थाना चैक तक पहुंच गया। घनी आबादी व मेन रोड होनें से लोगों की नजर पड़ी और दौड़ाया। कुछ देर में भालू मंदाकिनी आश्रम कैंपस की झाड़ियों में छिप गया। इस तरह से रोजाना अलग-अलग इलाकों में भालूओं की मौजूदगी रोजाना देखी जा रही है।

षाम 5 बजें के बाद इन इलाकों में जानें पर मनाही- वन विभाग ने षाम 5 बजें के बाद षहर के आउटर में लोगों के जानें पर मनाही कर दी है। इनमें परिक्रमा पथ, बिजली आॅफिस, गाजमर्रा रोड, करवारी पहाड़ समेत कई आउटर इलाकों में षाम 5 बजें के बाद जानें पर मनाही की गई है। गाजमर्रा रोड में जंगली सुअरों का आतंक भी चल रहा है। इधर बम्लेष्वरी पहाड़ी में फेंसिंग करानें के बाद भी भालू बस्ती तक पहुंच रहे है, जो वन विभाग के लिए सिरदर्द बना हुआ है।

अलर्ट किया गया है- वन परिक्षेत्र डोंगरगढ़ के रेंजर आरआर कुर्रे ने बताया कि वन विभाग के स्टाॅफ ड्यूटी कर रहे है। षाम होनें के बाद कर्मचारी आउटर में तैनात रहतें है। लोगों को अलर्ट किया गया है। भालू दिखनें पर जब तक हम उन्हें नुकसान नहीं पहुंचाएंगे वह आक्रमक नहीं होता। इसलिए बिना घबराएं संयमता से काम लें।

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