- प्राकृतिक खेती से बढ़ता है मित्र कीटों की संख्या,फसल उत्पादन बढ़ाने में सहायक
संजय महिलांग/नवागढ़/बेमेतरा : युवा किसान किशोर राजपूत ने बताया कि अधिकांशत किसान भाई जब भी अपने खेत पर कीट देखते है तत्काल उन्हें नष्ट करने के उपाय खोजने में जुट जाते है परंतु यह जानना अति आवश्यक है कि जो कीट हमारे खेतो में दिखाई दे रहे है वे मित्र कीट है या शत्रु कीट हैं।
आखिर है क्या ये शत्रु कीट और मित्र कीट ?
शत्रु कीट वे कीट होते हैं जो फसल को नुकसान पहुंचाते हैं और मित्र कीट वे कीट होते हैं हमारी फसल को न सिर्फ शत्रु कीटों से फसल को बचाते हैं, बल्कि फसल के उत्पादन बढ़ाने में भी मदद करते हैं। ऐसे बहुत से कीट होते हैं जो किसान के मित्र होते हैं आज की कड़ी में आपको उन्हीं के बारे में बताने जा रहा हूं, ताकि आप उन्हें आसानी से पहचान सके कि कौन कौन से कीट फसल व किसान के मित्र है।
ट्राइकोग्रामा को पहचाने
ट्राईकोग्रामा बहुत छोटे आकार का एक मित्र कीट है, जिन्हें खेतो में आसानी से देख पाना कठिन है लेकिन प्रयोगशालाओं में इन्हें आसानी से देखा जा सकता है। इसके वंश को बढ़ाने का काम प्रयोगशाला में किया जाता है तथा बाद में इन्हें खेतो में छोड़ दिया जाता है। यह एक प्रकार का अंड-परजीवी मित्र कीट है, जो शत्रु कीट के अण्डों में अपना अंडा डालकर उन्हें अंडावस्था में ही नष्ट कर देते है और शत्रु कीट के अंडे से इनका (मित्र कीट ट्राइकग्रामा) का वयस्क बाहर आता है, जो दोबारा शत्रु कीट में अपना अंडा देता है। इनका जीवन चक्र बहुत छोटा होता है तथा एक फसल अवधि में इसकी अनेक पीढ़ियां आ जाती हैं। इस प्रकार इनकी संख्या शत्रु कीट की तुलना में अनेक गुणा बढ़ जाती है, तथा शत्रु कीट अण्डों को नष्ट करता रहता है।
ये है “नेबिस”
नेबिस एक परभक्षी कीट है, जो शत्रु कीटों को पकड़कर खाता है। इससे उनकी संख्यां में कमी आ जाती है।
इसका नाम है जिओकारिस
जिओकारिस एक परभक्षी कीट है, जो रसचूसक कीटों को नष्ट करता है।
मकड़ी
हालांकि मकड़ी को कीट समुदाय में नही रखा गया है परंतु ये शत्रु कीटो को अपना भोजन बनाती है।
मकड़ी की कई प्रजातियां खेती में पायी जाती हैं, जो विभिन्न प्रकार के हानिकारक कीटों को परभक्षी के रूप में पकड़ कर नष्ट करती हैं।
पहचाने “ओरियस” को
ओरियस भी एक परभक्षी कीट है, जो रसचूसक कीटों को नष्ट करता है।
ये है “वास्प”
वास्प की कई प्रजातियां मित्र कीट के रूप में कार्य करती है, जो शत्रुकीट के अण्डे, प्यूपा, लारवा एवं व्यस्कों को नष्ट करती हैं।
इसका नाम है “क्राइसोपर्ला
क्राइसोपर्ला भी एक परभक्षी कीट है, जो रसचूसक कीटों को नष्ट करता है।
ये है “बैरीक्यूमोन”
यह एक प्रकार का सूंडी परजीवी कीट है जो विभिन्न प्रकार की सूड़ियों को नष्ट करता है।
ये है “ब्रैकान” (ततैया)
ब्रैकान एक परभक्षी कीट है, जो विभिन्न प्रकार के कीड़ों को नष्ट करता है।
ये है “टेट्रास्टिकस”
यह एक प्रकार का प्यूपा परजीवी कीट है जो दूसरे शुत्रुकीटों के प्यूपा नष्ट करता है।
पहचाने “सिरफिड मक्खी” को
यह एक प्रकार की मक्खी है, जो रसचूसक कीट जैसे माहू आदि को खाकर नष्ट करती है।
ये है “सिसिंडेला”
यह एक परभक्षी कीट है, जो धान की गन्धी जैसे कीटों को नष्ट करता है।
“कॉक्सीनेला(इन्द्रगोप भृंगा)”
कॉक्सीनेला भी एक परभक्षी कीट है, जो रसचूसक कीटों को नष्ट करता है।
ये है “मिरिड बग”
यह परभक्षी कीट है जो शुत्रु कीटों को पकड़ कर खाता है।
इसका नाम है”एपेन्टेलिस”
एय एक परभक्षी कीट है, जो विभिन्न प्रकार के सूड़ियों पर अपने अण्डे देकर नष्ट करता है।
“चीटियां”
चीटियों की कई प्रजातियां शत्रु कीटों को पकड़कर नष्ट करती हैं।
ये है “सिनिपोयड”
यह प्यूपा परजीवी कीट है, जो विभिन्न प्रकार के शत्रु कीटों को नष्ट करता है।
रासायनिक खाद के उपयोग करने से मित्र कीट भी खत्म हो जाता है जिससे शत्रु कीट फसलों को ज्यादा नुकसान पहुँचाता हैं इसलिए गौ वंश आधारित प्राकृतिक खेती को बढ़ाकर धीरे धीरे उत्पादन बढ़ाना चाहते।
आज समय की मांग हैं जैविक खाद्यान्न जो पूरा नहीं हो रहा है।