बिलासपुर। अदालत ने पुलिसकर्मी से बदसलूकी के मामले में ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष मोती थारवानी की जमानत याचिका ख़ारिज कर दी है। ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष मोती थारवानी को थाना प्रभारी कलीम खान की अगुवाई में तारबाहर पुलिस ने कोर्ट में पेश किया था। मजिस्ट्रेट अभिनव डहरिया की अदालत में आरोपी मोती थारवानी को पेश किया गया था। करीब आधे घंटे तक अदालत में सुनवाई चली और मोती थारवानी की जमानत याचिका को ख़ारिज कर दिया गया।
पुलिस ने आरक्षक रामकुमार रजक से बदसलूकी के मामले में मोती थारवानी को नागपुर से गिरफ्तार किया था, जिसके बाद विधायक शैलेश पांडेय ने पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाया था। विधायक शैलेश पांडेय ने संबंधित ट्रैफिक जवान रामकुमार रजक का वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल किया। इस वीडियो में रामकुमार रजक गाली-गलौज और मारपीट करते नजर आ रहे हैं। अदालत में दोनों पक्षों ने वीडियो दिखाकर अपनी दलील पेश की। गौरतलब है कि इस मामले में बिलासपुर में कांग्रेस और पुलिस विभाग आमने-सामने हो गये हैं। विधायक शैलेश पांडेय मोती थारवानी के समर्थन में आगे आये हैं और उन्होंने पुलिस विभाग पर एकतरफा कार्रवाई करने के आरोप लगाये हैं।
कुछ दिनों पहले एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था, जिसमें ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष मोती थारवानी आरक्षक रामकुमार रजक से गाली-गलौज करते और धक्का मुक्की करते नजर आ रहे थे। आरोप है कि मोती थारवानी अपनी पत्नी के साथ गलत साइड से गाड़ी चलाकर जा रहे थे। इस दौरान सड़क पर ड्यूटी पर तैनात कॉन्स्टेबल राम कुमार रजक को टक्कर मारते-मारते बचे। इस पर पुलिसकर्मी ने उन्हें राइट साइड में गाड़ी चलाने के लिए कहा। इतना सुनते ही थारवानी ने गालियां देनी शुरू कर दीं।
घटना का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद पुलिस सक्रिय हो गई और मोती थारवानी को गिरफ्तार करने के लिए स्पेशल टीम गठित की गई और उसे नागपुर से पकड़ कर लाया गया। मोती की गिरफ्तारी के बाद विधायक शैलेष पांडे शनिवार को तारबहार थाना पहुंचे और हंगामा कर दिया। विधायक ने पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई करने का आरोप लगाया। इसके बाद विधायक शैलेष पांडे ट्रैफिक जवान रामकुमार रजक का वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल किया। इस वीडियो में रामकुमार रजक गाली-गलौज और मारपीट करते नजर आ रहे हैं।