- उर्वरकों की गुणवत्ता, कालाबाजारी के संबंध में कोई शिकायत नहीं
किरीट ठक्कर/गरियाबंद। जिले में राज्य सरकार के दिशा-निर्देशानुसार भारत सरकार से अनुदान प्राप्त रासायनिक/जैविक/कम्पोस्ट उर्वरको का वितरण समुचित ढ़ंग से किया जा रहा है। जिले में अनुज्ञप्ति प्राप्त समस्त सहकारी/निजी क्षेत्र के थोक/फुटकर रासायनिक उर्वरक विक्रेताओं के द्वारा पोस मशीन के माध्यम से कृषकों को आदान सामाग्री प्रदान किया जा रहा है। उक्त जानकारी देते हुए कृषि विभाग के उप संचालक एफ.आर. कश्यप ने बताया कि उर्वरक गुण नियंत्रण अंतर्गत जिला स्तरीय जांच दल गठित कर गुणवत्ता के संबंध में लगातार जांच एवं निरीक्षण किया जा रहा है। परीक्षण हेतु उर्वरक नमूना लेकर प्राधिकृत संस्था में भेजी जा रही है। अद्यतन स्थिति में उर्वरक की गुणवत्ता के संबंध में कोई भी शिकायत कार्यालय उप संचालक कृषि को प्राप्त नहीं हुआ है। कृषि विभाग के विकासखंड स्तर के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी कृषकों की आगामी खरीफ मौसम की फसलों को ध्यान में रखते हुए जमीनीस्तर पर सुझाव एवं परामर्श देते हुए उर्वरकों की गुणवत्ता हेतु समस्त सहकारी एवं निजी क्षेत्र के रासायनिक/जैविक/कम्पोस्ट उर्वरक विक्रेताओं के प्रतिष्ठानों में सतत निरीक्षण एवं भौतिक सत्यापन कर रहे हैं। उप संचालक कश्यप ने बताया कि वर्तमान में रासायनिक उर्वरक यूरिया प्रति बोरी 266.50 रूपये, डी.ए.पी प्रति बोरी 1200 रूपये, एन.पी.के. प्रति बोरी 1185 रूपये, पोटाश प्रति बोरी 875 रूपये, एस.एस.पी. पावडर प्रति बोरी 340 रूपये, एस.एम.पी दानेदार प्रति बोरी 370 रुपये की दर से कृषकों को वितरण किया जा रहा है। रासायनिक उर्वरकों के अधिक दर पर वितरण किये जाने एवं कालाबाजारी संबंधी कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुआ है। इस संबंध में जिला स्तरीय एवं विकासखण्ड स्तर पर गठित दल द्वारा सतत निरीक्षण किया जा रहा है। कृषक विस्तृत जानकारी के लिए कृषि अधिकारी एवं नोडल अधिकारी (उर्वरक गुण नियंत्रण कक्ष) से संपर्क कर सकते हैं।