- सार्वजनिक सूचना के बाद भी मृतकों के घर वाले नहीं आए
रायपुर : रायपुर में पिछले कई महीनों से श्मशान के लॉकरों में बंद कोविड मृतकों की अस्थियों का आखिरकार विसर्जन हो ही गया। मंगलवार को कांग्रेस नेता विनोद तिवारी, अलग-अलग श्मशानों से 200 अस्थि कलश लेकर महादेव घाट पहुुंचे। वहां मौजूद लोगों ने जब इतनी सारे अस्थि कलश एक साथ देखे तो चेहरे पर चौंकने का भाव दिखा। लोग पूछते रहे कि आखिर इतने कलश कैसे? जब उन्हें पता चला कि ये सभी कोरोना से मृत लोगों की अस्थियां हैं, तो सभी हैरान थे।
बीते सप्ताह दैनिक भास्कर ने श्मशान के लॉकरों में बंद पड़ी अस्थियों की वीडियो न्यूज स्टोरी दिखाई थी। कलेक्टर सौरभ कुमार ने सार्वजनिक एलान किया कि कई महीनों से पड़ी अस्थियों को यदि परिजन चाहें तो आकर ले जाएं। कांग्रेस नेता विनोद तिवारी ने बताया कि हम 5 से 6 दिनों तक इंतजार करते रहे मगर एक भी रिश्तेदार सामने नहीं आया। आखिरकार हमें ही ये प्रक्रिया पूरी करनी पड़ी। ये बेहद दुखद था, मगर हिंदू मान्यताओं के अनुसार जरूरी भी इसलिए हमनें खुद ही विसर्जन करने का जिम्मा लिया।
मौत के तीन बाद होना था विसर्जन मगर महीनों से पड़ी थी अस्थियां
रायपुर के श्मशान घाटों के लॉकर में दो से तीन महीने से ये अस्थियां अपनों की आस में पड़ी थीं। मौत के तीन दिन बाद ही अस्थियाें के विसर्जन की परंपरा है। मारवाड़ी श्मशान घाट के मैनेजर रवि साहू ने बताया कि लोग कोरोना के डर से अपने मां-बाप और घर वालों की अस्थियां नहीं लेने आ रहे थे। रायपुर कलेक्टर से मिली अनुमति बाद इन अस्थियों का विसर्जन किया गया।