रायगढ़ : एक हाथी की मौत हुई है। इस बार रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ वन मंडल के छाल रेंज में मंगलवार सुबह एक नर हाथी का शव बनहर गांव में मिला है। इसकी सूचना वन विभाग को दी गई है। अभी बताना मुश्किल है कि हाथी का शिकार किया गया है या किसी और कारण से हाथी की मौत हुई है। फिलहाल, वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची है और मामले की जांच की जा रही है। इस प्रकार प्रदेश में 2020 से लेकर अब तक पिछले एक साल में 13 हाथियों की जान चले गई है। वहीं, अकेले छाल रेंज में ही 2005 से लेकर अब तक 23 हाथियों की जान अलग-अलग कारणों से गई है। इधर, वन विभाग के अनुसार मृत पाए गए हाथी की उम्र 10 से 15 साल के बीच बताई गई है। वहीं मौत का कारण अब तक स्पष्ट नहीं हो सका है। विभाग का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। मामले की जानकारी सुबह ग्रामीणों ने वन विभाग को दी थी, जिसके बाद विभाग की टीम मौके पर पहुंची है और डॉक्टरों को भी मौके पर बुलाया गया है। फिलहाल, वन विभाग की ओर से कोई ज्यादा जानकारी सामने नहीं आ सकी है। आशंका है कि उसकी मौत करंट की चपेट में आने से हुई है।
खेत के पास ही है बिजली ट्रांसफार्मर
बनहर गांव में किसान ने अपने खेत में मूंगफली की खेती की थी, वहीं पर ये हाथी पहुंचा था। हाथी का शव उसी खेत के पास मिला है। जिसके बाद ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी है। पता चला है कि खेत के पास ही एक बिजली ट्रांसफार्मर भी है, जिससे आशंका जताई जा रही है कि हाथी की मौत कंरट लगने से हुई है। हालांकि मौत का कारण अब तक स्पष्ट नहीं हो सका है।
यहां पहले भी हुई है गजराज की मौत
धरमजयगढ़ वन परिक्षेत्र में हाथियों की मौत का ये कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी इसी क्षेत्र में हाथियों की मौत हुई है। लंबे समय से इस क्षेत्र में जंगली हाथियों का आतंक रहा है। यहां अधिकांश गांव ऐसे भी है जहां हाथियों हाथियों का खौफ इस कदर है कि शाम ढलते ही गांव में सन्नाटा पसर जाता है। पिछले साल जब 16 जून को हाथी की मौत करंट लगने से हुई थी तब धरमजयगढ़ की DFO प्रियंका पांडे पर कार्रवाई करते हुए उन्हें रायपुर मुख्यालय भेज दिया गया था। इसके अलावा 11 जून को भी सूरजपुर जिले में एक नर दंतैल (टस्कर) हाथी का शव सड़ी-गली हालत में मिला था। उस मामले में ये आशंका जताई गई थि कि हाथी की मौत करीब 10 से 12 दिन पहले हुई होगी। प्रदेश में पिछले एक साल अब तक 13 हाथियों जी जान जा चुकी है।
2020 में चार महीने में 11 और 2021 में 11 दिन के अंदर 2 हाथियों की जान गई
26 सितंबर : महासमुंद के पिथौरा में संदिग्ध हालत में हाथी की मौत।
23 सितंबर : रायगढ़ में धरमजयगढ़ के मेंढरमार में करंट लगने से हाथी की मौत।
16 अगस्त : सूरजपुर में जहरीला पदार्थ खाने से नर हाथी की मौत।
24 जुलाई : जशपुर में करंट लगाकर नर हाथी को मारा गया ।
9 जुलाई : कोरबा में 8 साल के नर हाथी की इलाज के दौरान मौत
18 जून : रायगढ़ के धरमजयगढ़ में करंट से हाथी की मौत।
16 जून : रायगढ़ के धरमजयगढ़ में करंट से हाथी की मौत।
15 जून : धमतरी में माडमसिल्ली के जंगल में कीचड़ में फंसने से हाथी के बच्चे ने दम तोड़ा।
11 जून : बलरामपुर के अतौरी में मादा हाथी की मौत हुई थी।
9 व 10 जून : सूरजपुर के प्रतापपुर में एक गर्भवती हथिनी सहित 2 मादा हाथियों की मौत हुई।
11 जूून 2021: सूरजपुर के प्रतापपुर वन परिक्षेत्र के दरहोरा बीट के कक्ष क्रमांक 101 में नर हाथी का शव मिला
22 जून 2021: धरमजयगढ़ वन मंडल के छाल रेंज में नर हाथी का शव मिला है।