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अवैध फ्लाई ऐश डंप में फँसी गाय, सोशल मीडिया में उठा मामला तो मामले को ही पाटने आनन फानन में मंगाई गई मुरुम

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  • इसके पहले कई अन्य पशु हो चुके हैं घायल

विकास अग्रवाल/खरसिया : फ्लाई ऐश के बेतरतीब तरीके से डंपिंग ने इस समय खरसिया में नागरिकों के साथ साथ पशुओं का भी जीना मुश्किल किया हुआ है।गर्मी में जहाँ हवाओं के साथ सड़कों के किनारे फ्लाई ऐश के बवंडर उड़ रहे थे तो वहीं बारिश में आये दिन जानवरों के फँसने की घटनाएँ हो रही हैं। मामला है खरसिया के रायगढ़ रोड स्थित एक भूमि का जहाँ पास में ही एक फ्लाई ऐश ईंट की निर्माण इकाई संचालित है।अतः फ्लाई ऐश के भंडारण हेतु खुले में ही फ्लाई ऐश डंप करा दिया गया है।आये दिन पशुओं के साथ अप्रिय घटनाएँ घटने की वजह से आसपास रह रहे लोगों ने ईंट फैक्ट्री के मालिक को इसके उपाय करने की समझाइश भी दी किन्तु किसी के कान में जूं नहीं रेंगी।किन्तु 20 जून 21 रविवार की सुबह जब एक गाय के फँसने से पूरा मामला मीडिया में आया तो ईंट प्लांट के मालिक तुरंत हरकत में आ गए एवं एकाएक जगह को पाटने के लिए स्वयं कई ट्रेक्टर लगाकर मुरुम मंगाना शुरू कर दिया।हालांकि तब तक बहुत देर हो चुकी थी एवं मुरुम से जगह को पाटने की घटना भी कैमरे में कैद हो चुकी थी।इसके पहले भी फ्लाई ऐश के बेतरतीब ढंग से डंपिंग की वजह से प्रशासन हरकत में आया था एवं जिला पंचायत CEO द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में फ्लाई ऐश डंप करने पर रोक लगाने के आदेश जारी किए थे।

मुरुम का भी अवैध उत्खनन धड़ल्ले से जारी

बिना किसी अनुमति मुरुम के उत्खनन का यह खेल भी नया नहीं है।क्षेत्र में धड़ल्ले से मुरुम और रेत का अवैध उत्खनन धड़ल्ले से जारी है।गत वर्ष राजस्व विभाग द्वारा छापे के दौरान हजारों ट्रैक्टर ट्राली खरसिया राजस्व अमले को अवैध रेत का भंडार मिला था,जिसकी राजस्व विभाग ने जब्ती बनाई थी।यदि मुरुम की बात की जाए तो हाल में ही कई जमीनों की पटाई अवैध तरीके से मिट्टी एवं मुरुम से की गई है,जिसमें सैकड़ों ट्रैक्टर मुरुम का इस्तेमाल हुआ है।किंतु प्रशासन इस बात से अनभिज्ञ मालूम पड़ता है।

यदि जाँच पर निकले राजस्व अमला तो मिलेंगे हजारों टन अवैध रेत भंडारण

गत वर्ष की भाँति यदि इस वर्ष भी राजस्व अमला रेत की धर पकड़ में निकले तो हजारों टन रेत का भंडारण प्रशासनिक अमले को मिलेगा।गौरतलब है कि रेत माफियाओं के द्वारा धड़ल्ले से रेत का भंडारण बरसात के पूर्व किया जाता है एवं बरसात आने पर औने पौने दामों पर बेचा जाता है।

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