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चतुर्थ मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान 15 जून से प्रारम्भ

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  • जांच दल कर रही डोर-टू-डोर मलेरिया जांच
  • संवेदनशील क्षेत्र के 6397 लोगों ने कराया मलेरिया जांच

बालकृष्ण मिश्रा/सुकमा : बारीश के मौसम में सुकमा जिले के कुछ क्षेत्र जलमग्न हो जाते हैं, जिससे ग्रामीणों में जल जनित रोग होने का खतरा रहता है। स्वास्थ्य विभाग ऐसे ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने दुर्गम रास्ते, नदी-नाले पार कर ग्रामीणों तक स्वयं पहुंच रहें हैं। मलेरिया मुक्त अभियान के प्रथम दिवस जिले के कोण्टा विकासखण्ड के सभी संवेदनशील क्षेत्र के ग्रामों में मलेरिया जांच किया गया। चिन्तागुफा, कोलाईगुड़ा, गोटेलगुड़ा, भेज्जी, मिनपा, कनाईगुड़ा के ग्रामीणों का भी जाँच किया गया। संवेदनशील क्षेत्र एलेंगनार के लिए 32 दल रवाना हुए। जहां उन्होंने कुल 5 पारा के 208 घरों के 607 व्यक्तियों का मलेरिया जांच किया। जिनमें केवल 8 लोग मलेरिया धनात्मक पाए गए। वहीं सुकमा में ग्राम नागारास से इस अभियान की शुरुआत की गई जहाँ 60 लोंगों का मलेरिया जाँच किया गया। प्रथम दिवस कुल 6397 लोगों का परीक्षण किया गया जिसमें 36 लोगों मलेरिया धनात्मक पाए गए। मलेरिया धनात्मक पाये गए लोगों को दवा की प्रथम खुराक का सेवन कराया गया एवं उपचार उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके साथ ही आगामी बारीश को देखते हुए मच्छरों के फैलाव को रोकने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों के सभी घरों में कीटनाशक दवा का छिड़काव कार्यक्रम का संचालन भी किया जा रहा है।
जिले में मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के चतुर्थ चरण का प्रारम्भ 15 जून 2021 से किया गया है। जिले में संचालित होने वाले चतुर्थ मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के सफलतापूर्वक संचालन के लिए 700 सर्वे दल का गठन किया गया है, जिसमें प्रत्येक दल में दो सदस्य होंगे। इस अभियान के तहत् ग्रामीण क्षेत्र के 2 लाख 57 हजार 467 व्यक्तियों का मलेरिया जाँच करने का लक्ष्य निर्धारित है। डोर-टू-डोर सर्वे के दौरान यह दल घर के सभी सदस्यों का मलेरिया जाँच करेंगे। मलेरिया धनात्मक पाये गए रोगी को दवा की प्रथम खुराक का सेवन एवं उपचार उपलब्ध कराया जाएगा। मलेरिया जाँच के साथ साथ दल द्वारा ग्रामीणों का कोरोना जाँच भी किया जा रहा है।

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