समैया पागे/बीजापुर : सिलगेर गोलीकांड मामले में आदिवासियों के मारे जाने पर आज तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं हो रही है-यह सवाल जोगी कांग्रेस के प्रदेश संयुक्त महासचिव चन्द्रैया सकनी ने उठाते हुए कहा है कि यह बेहद शर्म की बात है कि आदिवासियों के साथ अत्याचार, उनकी नृशंस हत्या पर राज्य की कांग्रेस सरकार चुप्पी क्यों साध रखी है, सच को सामने लाने वाले विपक्षी दलों और अन्य सामाजिक संगठनों को क्यों रोका जा रहा है। प्रदेश सरकार बस्तर के भोले भाले आदिवासियों की आवाज कुचलने का प्रयास कर रही है,जबरन बिना गांव वाले के सहमति से नीजी जमीन में कैम्प लगवाने का फरमान जारी कर एवं शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलित निहत्थे ग्रामीणों पर गोली दाग कर,लाठी चलवा कर,महिला और बच्चों तक अपना जुल्म ढाने से बाज नहीं आ रही है। यह बेहद निन्दनीय है और उससे भी बढ़कर बस्तर के जनप्रतिनिधि इस मामले में मौन रहकर अपने ही आदिवासी भाई बहनों को बली चढ़ने हेतु अनाथ जैसे छोड़ दिये हैं। क्या यही दिन देखने के लिये ग्रामीण आदिवासी इन लोगों को अपना प्रतिनिधि चुनकर ऊंचे बड़े पद पर बिठाये। न्याय की मांग को लेकर हजारों की संख्या में ग्रामीण लगातार कई दिनों से धरना प्रदर्शन कर न्याय की गुहार लगा रहे हैं, परन्तु प्रदेश सरकार के कान में जूं तक नहीं रेंग रहा है। बस्तर के आदिवासी कांग्रेस के नेता और मंत्री कवासी लखमा का इस मामले में मौन समझ से परे है। वे जब विपक्ष में रहे तब ऐसे हर घटना पर एक कदम आगे दिखते थे अब वे अपने ही सरकार के दबाव में चल रहे हैं।सांसद बैज के नेतृत्व टीम का रिपोर्ट में भी सरकारी दबाव की बु आ रही है। इतने गम्भीर मामले में गृहमंत्री और मुख्यमंत्री का अभी तक चुप्पी संदेह को जन्म देता है। छत्तीसगढ़ में मुख्य विपक्षी और केंद्र के सत्ता में काबिज भाजपा नेताओं के बयान अनुसार राज्य के कांग्रेस सरकार यदि सिलगेर मामले में लीपापोती कर रही है तो भाजपा के नेता लोग को भूपेश सरकार पर ढूलमूल रवैया का आरोप लगाने के बजाय केंद्र में बैठे मोदी सरकार से जांच कराने हेतु मांग करनी चाहिए।ताकि सच्चाई सामने आ सके और राज्य सरकार पर दोषियों के ऊपर कड़ी कार्यवाही करने हेतु बाध्य करनी चाहिए। ऐसा ना कर भाजपा के लोग सिलगेर घटना में केवल अवसर तलाश रहे हैं। आखिर निर्दोष आदिवासियों की मौत पर राजनीति क्यों हो रही है। कांग्रेस सरकार से सवाल मारे गए आदिवासियों को कब मिलेगी न्याय।
आदिवासियों के मौत पर राज्य एवं केंद्र सरकार क्यों है मौन है: सकनी चंद्रैया
