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समाज सेवा ही नहीं पर्यावरण सुरक्षा में बचपन से अग्रणी है, प्रसिद्ध समाजसेवी एवं उद्योगपति रविंद्र सिंह

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पांडुका/नवापारा राजिम/ रायपुर : हमारे बीच कुछ ऐसे व्यक्तित्व कहते हैं जिनके बारे में कुदरत शुरू से निर्धारित कर देती है कि इनका कार्य बचपन से अलग रहेगा, फिर चाहे कितना ही संघर्ष करना पड़े वह अपने पथ से जरा भी विचलित नहीं होते। ऐसे ही शख्सियत के धनी है छत्तीसगढ़ के जाने-माने समाजसेवी और उद्योगपति रविंद्र सिंह,इनके पिता स्वर्गीय कुंवर बहादुर सिंह एक आदर्श शिक्षक गरीब दीन—हीन की सेवा में रत रहने वाले, व्यक्तित्व के स्वामी थे; जोकि ग्राम पथराहट, गौरी बाजार, जिला देवरिया उत्तर प्रदेश के निवासी थे। इनके साथ ७ बेटे बेटियों में एक रविंद्र सिंह जी भी थे , इन सभी भाई बहनों की बचपन से अनुशासन कठोर मेहनत तथा पर्यावरण की देखभाल की शिक्षा पिताश्री के द्वारा मिलती थी इसी का परिणाम है रविंद्र सिंह जी अपनी भीषण संघर्ष के दौर में भी पिता के बताए मार्ग से विचलित नहीं हुए।

सड़क किनारे उगी पेड़ पौधों की रक्षा की

रविंद्र सिंह जी अपने जीवन के संघर्ष के दौरान पंजाब के लुधियाना में छोटी-मोटी नौकरी करते थे तो सड़क के किनारे हुए पेड़ पौधों को सुरक्षित करने के लिए अपनी छोटी सी तनख्वाह में घर की निहायत जरूरी में भी कटौती करके पर्यावरण सुरक्षा में पैसा खर्च करते थे उनके इस कार्य में उनकी धर्मपत्नी श्रीमती पूनम सिंह भी बढ़-चढ़कर अपना योगदान देती थी कई बार रविंद्र जी को 12 घंटे की कठोर ड्यूटी के बाद भी अतिरिक्त समय में छोटे-मोटे काम करने पड़ते थे।

पर्यावरण और प्रकृति में रविंद्र सिंह का दिया भरपूर साथ पहुंचे फर्श से अर्श में

प्रकृति और पर्यावरण के साथ चलने में ईश्वर भरपूर साथ देता है जिंदगी में दो दशक तक कठोर मेहनत के करने के बाद ईश्वर की कृपा से रविंद्र सिंह जी आसमान की ऊंचाई को छूते चले गए आज भी छत्तीसगढ़ की जानी-मानी प्रकाश इंडस्ट्रीज के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट हैं और इनके होनहार बेटे ने अपने स्वयं के सहयोग से इंडस्ट्रीज डाली है और रायपुर में सेटल होते हुए इन्होंने हमेशा दीन हीन गरीबों की सेवा कोरोना काल में वर्ष 2020 से अभी तक हजारों लोगों को राशन ,कपड़ा ,दवाई और मेडिकल सुविधाएं दी है और यह अभियान अभी भी सतत चल रहा है रायपुर के आसपास उरला ,बिरगांव, कुमारी भनपुरी ,सिलतरा और खारून नदी के तट सहित अन्य जगहों में अभी तक ८०००से १०,००० वृक्षारोपण किया है और इसके साथ इनके कार्य से प्रभावित होकर रायपुर के युवा लोगों ने इनके नाम से रविंद्र सेना बना कर मानव सेवा से लेकर पर्यावरण की सेवा में लगे हैं इस बारे में छत्तीसगढ़ वॉच ब्यूरो प्रमुख महेंद्र सिंह ठाकुर ने रविंद्र सिंह जी से उनके अभियान के बारे में पूछा तो उन्होंने संस्कृत में श्लोक बताते हुए कहा –संरक्षेत् दूषितो न स्याल्लोकः मानवजीवनम् । न कोऽपि कस्यचिद् नाशं, कुर्यादर्थस्य सिद्धये ।।
अर्थात संसार प्रदूषित ना हो ,मानव जीवन सुरक्षित रहे स्वास्थ्य और धन प्राप्ति के लिए प्रकृति का किसी तरह से नुकसान ना हो यह मेरा
है।

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