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“एमजीएम समूह के द्वारा शिक्षक – एक व्यावहारिक प्रबंधक विषय पर शैक्षणिक प्रशिक्षण श्रृंखला पर वेबिनार का आयोजन”

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तापस सन्याल/भिलाई : एमजीएम शिक्षण समूह,डायोशियन मिशन शिक्षण बोर्ड द्वारा 3 जून 2021 को शिक्षक – एक व्यावहारिक प्रबंधक विषय पर शैक्षणिक प्रशिक्षण श्रृंखला पर वेबिनार का आयोजन किया गया| इस लाइव सेशन में विभिन्न संस्थाओं के करीब 1000 प्राध्यापकों ने भाग लिया| इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता माउंट टेबर प्रशिक्षण महाविद्यालय केरल की प्राचार्य डॉ रोसम्मा फिलिप थी| वेबिनार का आरंभ डायोसियन मिशन बोर्ड के शिक्षा अधिकारी फादर डॉ जोशी वर्घीस के उदबोधन के साथ हुआ| उन्होंने अतिथियों का स्वागत किया तथा प्राचार्य एवं प्राध्यापकों द्वारा कोविड-19 के विकट समय में पूरी उत्कृष्टता के साथ ऑनलाइन कक्षाओं का आयोजन करने के लिए सराहना की| उन्होंने एमजीएम शिक्षण समूह के मैनेजर बिशप हिस ग्रेस डॉ जोसेफ मार डायनोशियस को भी उदघाटन के लिए आमंत्रित किया| हिस ग्रेस ने अतिथियों को पांच मुख्य बिन्दुओं के बारे में बताया कि प्रकृति एवं पालन-पोषण सिद्धांत, शैक्षणिक जीवन की कला, सादा जीवन उच्च विचार एवं उच्च नैतिक मूल्यों तथा प्राचीनकाल की गुरुकुल परंपरा में शिक्षक सदैव प्रकाश के स्त्रोत रहे हैं| इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य यह था कि किस प्रकार कक्षा की पढाई को अधिक से अधिक प्रभावी बनाया जा सके और उसके लिए प्राध्यापकों को कौन से कदम उठाने चाहिए| डॉ रोसम्मा फिलिप ने कहा कि एक शिक्षक को बहुमुखी रूप में विभिन्न प्रकार के किरदार जैसे गुरु,सुविधा पूरक तथा मार्गदर्शक होना चाहिए| उन्होंने सतत व्यावसायिक विकास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि व्यावसायिक कौशल में विकास की प्रक्रिया के माध्यम से व्यव्हार प्रबंधन एवं शैक्षणिक प्रशिक्षण एवं पाठ्यक्रम का ज्ञान प्राप्त होता है| उन्होंने विभिन्न उदाहरणों से  समझाया कि किस प्रकार व्यवहार में परिवर्तन किया जा सकता है| यह न केवल प्रतिभागियों को शिक्षक के व्यवहार एवं शारीरिक भाषा को समझने में सहायता करता है, सीखने वाले के व्यवहार में परिवर्तन लाता है अपितु कक्षा के वातावरण में न्यूनतम सामंजस्य बैठाने में भी सहायक होता है| उन्होंने व्यवहार में परिवर्तन के द्वारा व्यावहारिक दक्षता, शारीर क्रिया विज्ञान के व्यावहारिक आयाम, जीवन अंदाज़, मिलनसार व्यवहार, गैर मौखिक संचार, शिक्षक-छात्र के मध्य संबंधो की मान्य सीमा, कक्षा में व्यक्तिगत अंतर एवं संज्ञानात्मक दक्षता के बारे में बताते हुए कहा कि किस प्रकार एक शिक्षक इन सभी का उपयोग करके अपनी नीति बना सकता है| उन्होंने प्रतिभागियों की शंकाओं के भी उत्तर दिये| तत्पश्चात फादर कुरियन जॉन ने सेशन को जानकारीपूर्ण एवं ज्ञानवर्धक बनाने के लिये डॉ रोसम्मा फिलिप के प्रति आभार व्यक्त किया|

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