रायपुर। भाजपा के पूर्व मंत्री व विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ सरकार से मांग की है कि राजनीति से ऊपर उठकर छत्तीसगढ़ के 2 लाख 90 हजार विद्यार्थियों के स्वास्थ्य के मद्देनजर 12वीं की परीक्षा के संदर्भ में पुनर्विचार कर उसे रद्द करें।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ अभी कोरोना कि दूसरी लहर पूरी तरह से उबरा नहीं है और अब विशेषज्ञ तीसरी लहर की आशंका जता रहे हैं, जिसमें बच्चों को सबसे ज्यादा खतरा बताया जा रहा है। ऐसे अवसर पर किसी भी स्थान पर किसी भी विषय में भीड़ लगाना कतई सुरक्षित नहीं है। छत्तीसगढ़ के लगभग 3 लाख विद्यार्थी परीक्षा केंद्र से उत्तर पुस्तिका ले जाएंगे फिर वापस लाकर जमा करेंगे। यह भीड़ कहीं विद्यार्थियों के साथ-साथ स्कूल के शिक्षकों व कार्यालयीन स्टाफ के संक्रमण का बड़ा कारण न बन जाए। बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि सीबीएसई, आईसीएससी के परीक्षा रद्द होने के पश्चात कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से रायपुर की एक छात्रा सौम्य चोपड़ा ने बात करते हुए धन्यवाद दिया कि अब बच्चे निश्चिंत होकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियां कर पाएंगे। बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि हमेशा कांग्रेस किसी भी विषय पर दोहरा मापदंड व अनिर्णय की स्थिति में रहती है। एक तरफ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने केंद्र से 12वीं की परीक्षा रद्द किए जाने का पत्र व्यवहार कर रही थी, और उत्तरप्रदेश में भी परीक्षाएं रद्द करने की मांग कर रही है। दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार 12वीं की परीक्षा के नाम से स्कूल-स्कूल में बच्चों की भीड़ लगा रही है। कांग्रेस की नीति हमेशा से कांग्रेस शासित प्रदेशों में अलग और गैरकांग्रेस शासित प्रदेशों में अलग रही है। उन्होंने भूपेश सरकार को दोहरा मापदंड छोड़ विद्यार्थियों के हित में 12वीं की परीक्षा रद्द करनी चाहिए
छत्तीसगढ़ में भी हो 12वीं की परीक्षा रद्द : बृजमोहन

