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महामाया धान और औषधीय पौधे बच की एक साथ फसल लगाकर किशोर ने किया खेती में नए प्रयोग

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  • इस नवाचार से बढ़ाई जा सकती हैं किसानों की आमदनी, समृृद्ध हो सकता है किसान
  • मिश्रित खेती कर किया धान और बच की बेहतर उत्पादन

संजय महिलांग/नवागढ़ : नवागढ़ के युवा किसान किशोर कुमार राजपूत नें आधा एकड़ जमीन पर महामाया धान के साथ औषधीय गुणों से युक्त बच (घोड़ बच) की फसल लगाकर नवाचार किया है। यह अनुसंधान 2018 से 10 डिसमिल जमीन से शुरू किया था जो अब आधा एकड़ जमीन पर बढ़ते बढ़ते आ गया है यह लघु प्रयोग सफल रहा है।किसान यदि चाहे तो इस विधि से अपनी खेतों में डबल फसल लगाकर अतिरिक्त आमदनी बढ़ा सकता है। यह मॉडल पायलट प्रोजेक्ट समृद्धि स्वदेशी बीज बैंक नवागढ़ के कृषि सुधार कार्यक्रम के अंतर्गत खेती से आमदनी बढ़ाने का रहा है।किशोर ने इसमे महामाया धान और औषधीय गुणों से युक्त बच की मिश्रित खेती करने का योजना बनाया था।
इस फसल की देखभाल सामान्य धान की फसल की तरह ही की जाती हैं। यह विधि लघु एवं सीमांत किसानों के लिये वरदान शाबित हो सकता हैं।

आधा एकड़ जमीन पर किया अनुसंधान

सबसे पहले श्री पद्धति से धान की रोपाई करने के 5 दिन बाद बच की कंद राइजोम को 30 सेंटीमीटर की दूरी पर रोपित किया जाता हैं।आधा एकड़ जमीन में 50 हजार कंद का उपयोग करते हैं। धान की फसल 120 दिन में कटाई के लिए तैयार हो जाता है जबकि बच 240 दिन में जब इसकी पत्तियां पीली और सूखने लगें, तो पौधों को जड़ समेत जमीन से निकाल लिया जाता है। किंतु धान कटाई के बाद में जुताई कर कन्द अर्द्ध परिपक्वता अवस्था में ही खेत से निकाल लिया जाता हैं।राइजोम निकालने के बाद छायादार जगह पर में सुखाना चाहिए।

धान और बच की खेती की तैयारी:-

खेती की तैयारी सामान्य धान की तरह ही करते हैं इसमे गोबर की खाद तीन ट्राली अथवा वर्मीकम्पोस्ट खाद पांच क्यूंटल आधा एकड़ में डालना चाहिए।तथा खेत की 2 से 3 बार गहरी जुताई कर लेना चाहिए। बच की खेती के लिए 10 डिग्री से 38 डिग्री तक तापमान उत्तम रहता है। बुआई के लिए राइजोम पुरानी फसल का इस्तेमाल किया जाता हैं।
निदाई गुड़ाई:- श्री विधि से धान लगने के कारण कम निदाई की आवश्यकता पड़ता है फिर समय समय पर खरपतवार निकल देना चाहिए।

धान और बच में लगने वाले रोग

इस विधि से खेती करने से सामान्य रूप से धान में लगने वाले रोगों में बच के एन्टी बैक्टीरियल गुणों के कारण कोई रोग नही लगता है।

धान और बच से होने वाले आमदनी

श्री विधि से धान का उत्पादन आधा एकड़ जमीन पर
8 क्यूंटल× धान 2500= 20000
5 क्यूंटल जड़ ×50 रुपये =25000=45 हजार रुपये
कुल आमदनी प्राप्त होता है।

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