प्रांतीय वॉच

आयरन गोली के सेवन से एनीमिया मुक्त हो रहीं किशोरी बालिकाएं

Share this
  • लगभग साढ़े 5 हज़ार किशोरियों को मिल रहा फायदा
  • घर-घर जाकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता खिला रहीं आयरन की गोलियां

कमलेश रजक/मुंडा : महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जिले की 11 से 18 वर्ष तक की किशोरी बालिकाओं को प्रति सप्ताह शनिवार को आयरन की टेबलेट का सेवन कराया जा रहा है। जिले की 5400 बालिकाओं को इस योजना का लाभ मिल रहा है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हितग्राही बालिका के घर स्वयं पहुंचकर उन्हें अपने सामने में ही यह दवा खिलाकर योजना से लाभान्वित कर रही हैं। इससे बालिकाओं के खून में हीमोग्लोबिन के स्तर में काफी सुधार दर्ज की गई है और वे एनीमिया के शाप से मुक्ति की ओर तेज़ी से अग्रसर हो रही हैं।
जिले के पलारी विकासखण्ड के ग्राम दतान की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती झुम्मन बारले योजना का बेहतर क्रियान्वयन कर ग्राम की सभी किशोरी बालिकाओं को आयरन की गोलियां खिला रही है। ग्राम की ही कुमारी भावना चंद्राकर उम्र 16 वर्ष का हीमोग्लोबिन पूर्व में 8.5 ग्राम था, जो अब साप्ताहिक आयरन टेबलेट के नियमित सेवन के बाद सामान्य के करीब 11.5 ग्राम हो गया है। इसी तरह भाटापारा के लाल बहादुर शास्त्री वार्ड निवासी कुमारी दीनू मनहरे उम्र 18 वर्ष को स्थानीय पर्यवेक्षक श्रीमती ललिता मिश्रा एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती दुर्गा पाटकर की प्रेरणा से साप्ताहिक आयरन गोलियां खा रही है। दीनू का हीमोग्लोबिन पूर्व में 9 ग्राम था, जो अब साप्ताहिक आयरन टेबलेट के नियमित सेवन के बाद 10 ग्राम हो गया है। जिला कार्यक्रम अधिकारी एल.आर.कच्छप लॉक डाउन के बावजूद ग्रामीण इलाके का दौरा कर आयरन टेबलेट वितरण, रेडी तो ईट सहित तमाम योजनाओं की मैदानी स्तर पर नियमित समीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि साप्ताहिक आयरन फोलिक एसिड टेबलेट वितरण महिला एवं बाल विकास विभाग का एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है,जो किशोरी बालिकाओं को एनीमिया के घोर संकट से बाहर निकाल उन्हें एक स्वस्थ वह बेहतर भविष्य प्रदान करने की दिशा में अग्रसर करती है। उल्लेखनीय है कि किशोरी बालिकाओं में उम्र के साथ तेज़ी से शारीरिक बदलाव होने के कारण खून की कमी हो जाना आम समस्या है। उम्र के इस अति महत्वपूर्ण दौर में खून की कमी आ जाने के कारण किशोरी बालिकाओं को स्वास्थ्य संबंधी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। जैसे कि कमजोरी महसूस होना, जल्दी थकान आना, चक्कर आना, सिर दर्द रहना, और कुछ लोगों में श्वास लेने में कठिनाई होना आदि। एक महिला अथवा किशोरी में 12 ग्राम हीमोग्लोबिन होना अनिवार्य होता है। हीमोग्लोबिन की मात्रा शरीर में 12 ग्राम से कम होने पर एनीमिक माना जाता है।

Share this

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *