- ओपीडी, आईपीडी में मरीजों का इलाज कर रहे हैं चिकित्सक, 24 घण्टे मिल रही है आपातकालीन सेवाएं
- बेहतर प्रबंधन से अस्पताल में मरीजों को ईलाज में हो रही है आसानी
आफताब आलम/बलरामपुर : विभिन्न संचार माध्यमों से जिला चिकित्सालय में चिकित्सकों के नाम की जानकारी उपलब्ध न होने तथा मरीजों के इधर-उधर भटकने के संबंध में सूचना प्रसारित की गई हैं। सिविल सर्जन सह अस्पताल अधीक्षक डॉ.आर.के.त्रिपाठी ने उक्त सूचना को निराधार बताते हुए कहा कि कोविड-19 के कारण उत्पन्न कठिन परिस्थितियों में भी अस्पताल प्रबंधन गंभीरता के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहा है। ऐसी खबरें हतोत्साहित करती हैं और चिकित्सकों का मनोबल भी कम होता है, चिकित्सक चुनौती भरे समय में भी लोगों को ईलाज मुहैया कर अपनी जिम्मेदारियां निभा रहे हैं।
उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि जिला चिकित्सालय, बलरामपुर के पंजीयन केन्द्र के सामने ही चिकित्सालय के विशेषज्ञ चिकित्सकों एवं चिकित्सा अधिकारियों के नाम, पदनाम, विशेषज्ञता तथा ओपीडी कक्ष क्रमांक, भूतल एवं प्रथम तल दोनों ही स्थानों पर लगे हुए हैं। इसके साथ ही सभी चिकित्सकों की ओपीडी कक्ष के सामने कक्ष क्रमांक, ओपीडी नाम, चिकित्सक का नाम, पदनाम, ओपीडी दिवस, ओटी दिवस आदि की जानकारी दी गई है। साथ ही साथ मरीजों की सुविधा हेतु चिकित्सालय के प्रमुख द्वार से विभिन्न विभागों तक आसानी से पहुंचने हेतु फ्लोर पर रेडियन मार्किंग भी की गई है। इसके आलावा ओपीडी पंजीयन केन्द्र प्रातः 09.000 बजे से सायं 06.00 बजे तक तथा आपातकालीन विभाग 24 घण्टे संचालित रहता है, जहां चिकित्सक, नर्सिंग स्टॉफ, ड्रेसर, वार्ड ब्वॉय/वार्ड आया तथा सुरक्षाकर्मी लगातार अपने कार्य स्थल पर उपलब्ध रहते हैं एवं ऑन ड्यूटी चिकित्सक द्वारा विशेषज्ञ चिकित्सकों से परामर्श कर ईलाज किया जाता है तथा आवश्यकता पड़ने पर उन्हें बुलाया भी जाता है। चिकित्सकों द्वारा ओपीडी हेतु निर्धारित समय प्रातः 09.00 बजे से दोपहर 02.00 बजे तक रोस्टर अनुरूप ओपीडी सेवायें दी जा रही है। चिकित्सालय में रोस्टर अनुरूप डॉक्टर ऑन ड्यूटी पूरे समय उपलब्ध रहते हैं, इसलिए मरीज के ईलाज हेतु भटकने का कथन निराधार है। साथ ही यह भी उल्लेख किया गया है कि चिकित्सकों के मोबाईल नम्बर भी सार्वजनिक स्थल पर उपलब्ध होना चाहिए, इस संबंध में उन्होंने बताया कि किसी का मोबाईल नम्बर सार्वजनिक करना उनकी निजता के विरूद्ध है एवं उनके अनुमति के बिना ऐसा नहीं किया जा सकता है। चिकित्सकों द्वारा ऐसे मरीज जो दूर-दराज से आते हैं उन्हें आवश्कतानुरूप स्वयं ही अपना मोबाईल नम्बर उपलब्ध कराया जाता है। ताकि टेलीकंसलटेशन भी किया जा सके। चिकित्सालय के विभिन्न स्थानों पर सिविल सर्जन, आरएमओ हेतु चिकित्सालय के आईपीडी का मोबाईल नम्बर एवं एसएनसीयू में पृथक से फोन उपलब्ध कराया गया है, जिसकी सूचना भी सभी को दी गई है एवं आवश्यकतानुसार आपातकालीन विभाग से उपलब्ध कराई जाती है। किसी भी मरीज को चिकित्सालय में आकर ईलाज के लिए भटकने, चिकित्सक के ड्यूटी में न रहने अथवा ईलाज के अभाव में अन्य जिले/अन्य चिकित्सालय में जाने की कोई भी लिखित अथवा मौखिक सूचना अस्पताल प्रबंधन को प्राप्त नहीं हुई है। चिकित्सालय में कोविड-19 के संक्रमण के बीच भी विगत तीन माह में 68 मेजर ऑपरेशन 13 हजार 810 की ओपीडी, 59 गंभीर नवजात शिशुओं का एसएनसीयू में ईलाज, 138 मरीजों को ब्लड ट्रांसफ्यूजन के साथ-साथ 11 मई 2021 से 20 बिस्तरीय कोविड आईसीयू का भी संचालन किया जा रहा है। जिसमें अब तक 52 मरीज का ईलाज एवं 07 गर्भवती महिलाओं की सफलतापूर्वक सुरक्षित प्रसव कराया जा चुका है एवं 28 मई 2021 को चिकित्सालय में भर्ती 44 मरीजों का ईलाज जारी है।