- हिन्दी माध्यम स्कूल को 05 किमी दूर संचालित करने से छोटे छोटे बच्चो को होगी भारी परेशानी
पुलस्त शर्मा/मैनपुर : गुलामी की बेड़ियों में जड़के तत्कालीन भारत की दास्तान को अपने सीने में समेटे हुए तत्कालीन समय से आज तक हजारों विद्यार्थियों के भविष्य गढ़ने वाले विकासखंड मुख्यालय मैनपुर स्थित 122 वर्ष पुराना प्राथमिक विद्यालय आज अपने स्वयं के अस्तित्व को लेकर आशंकित हैं। अंग्रेज शासन काल वर्ष 1901 से संचालित इस स्कूल का इतिहास काफी गौरवशाली रहा है, यहां से पढ़ाई कर चुके छात्र आज बड़े बड़े पदो मे विद्यमान है, कोई डाॅक्टर, इंजीनियर, वकील, तहसीलदार, शिक्षक सहित विभिन्न शासकीय पदो मे सेवारत के साथ कई छात्र राजनीति के क्षेत्र मे जिला पंचायत सदस्य, सरपंच, पंच, जनपद सदस्य व राजनीतिक दलो के बड़े बड़े पदो मे आसीन है बावजूद इसके इस वर्षों पुराने स्कूल को बंद कर अंग्रेजी माध्यम स्कूल में परिवर्तित करने का आदेश शिक्षा विभाग द्वारा दिया गया जिसके चलते पालकों व जनप्रतिनिधियों ने नाराजगी व्यक्त किया है। शिक्षा कार्यालय द्वारा इस स्कूल को अंग्रेजी माध्यम स्कूल मे बदलने के निर्णय को लेकर सरपँच संघ एवं पालक संघ ने खुलकर विरोध किया है और शिक्षा विभाग के अफसरो को भी इस संबंध मे अवगत कराया गया है। 100 से अधिक वर्षों से हिंदी माध्यम में संचालित हो रहे मैनपुर प्राथमिक विद्यालय को बंद कर उसे जैसे ही स्वामी आत्मानन्द अंग्रेजी माध्यम स्कूल के रूप में संचालित करने का निर्णय हुआ है तभी से पालकों और सरपँच संघ ने विरोध शुरू किया है। सरपँच संघ के अध्यक्ष एवं विकासखंड मुख्यालय मैनपुर के सरपँच बलदेवराज ठाकुर ने कलेक्टर गरियाबंद को पत्र लिखकर आग्रह किया कि इंग्लिश मीडियम स्कूल प्रारंभ होने से एक तरफ अंग्रेजी मीडियम की सुविधा तो मिलेगी लेकिन हमारी मातृभाषा में संचालित शिक्षा के केंद्र बंद करने से हिंदी माध्यम के विद्यार्थियों के समक्ष हिंदी में ज्ञानार्जन की परेशानियां खड़ी हो जाएंगी। विगत वर्षों में युक्तियुक्तकरण के तहत ग्राम पंचायत मैनपुर के आश्रित ग्राम नदीपार की शाला बंद हो गई थी तब ब्लॉक मुख्यालय स्थित इस स्कूल पर ही आश्रित ग्राम के छोटे बच्चे निर्भर हैं। प्रशासन द्वारा वर्ष दर वर्ष शिक्षण सत्र 2018-19 में कक्षा पहली उसके बाद अगले वर्ष कक्षा दूसरी फिर तीसरी कक्षा को इंग्लिश मीडियम में परिवर्तित करते हुए धीरे-धीरे प्राथमिक स्तर की कक्षाओं को पूर्णतः अंग्रेजी माध्यम में बदला जा रहा है और आज आलम यह है कि हिंदी माध्यम को पूरी तरह बंद किया जा रहा है जिससे मातृभाषा को शिक्षा का माध्यम बनाने वाले विद्यार्थियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है और इस नवसृजित इंग्लिश मीडियम स्कूल को समीपस्थ ग्राम नाउमुड़ा में संचालित करने की बात प्रशासन के द्वारा की जा रही है ऐसे में छोटे छोटे बच्चे मुख्यालय को छोड़कर 05 किमी दूर दूसरे ग्राम में जाने को विवश होंगे जो न्यायोचित नहीं है। सरपँच संघ ने मांग किया कि इंग्लिश मीडियम स्कूल का संचालन हो लेकिन ब्लॉक मुख्यालय में संचालित स्कूल को बंद न कि जाए, यहाँ वर्षों पूर्व से संचालित हिंदी माध्यम स्कूल को यथावत रखी जाए जिससे हिंदी माध्यम में अध्ययनरत मुख्यालय के बच्चों को परेशानी न हों इस मुद्दे पर सरपँच संघ का आरोप है कि प्रशासन के द्वारा उन्हें भ्रमित करने का प्रयास किया जा रहा है।
क्या कहते है जनप्रतिनिधि –
इस संपूर्ण विषय पर क्षेत्र के वरिष्ठ जनप्रतिनिधि एवं जिला पंचायत गरियाबंद के पदेन शिक्षा समिति के अध्यक्ष संजय नेताम ने सरपँच संघ की माँग का समर्थन करते हुए कहा कि प्रशासन के द्वारा जनभावनाओं का खयाल रखा जाना चाहिए अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोलना और उन्हें संचालित करना एक अच्छा प्रयास है लेकिन सैंकडों वर्षों से संचालित हिंदी माध्यम स्कूल को पूर्णतया बंद न करें जिससे मुख्यालय व आसपास के हिंदी मीडियम वाले विद्यार्थियों को दिक्कतें हों साथ ही प्रशासन को स्थानीय जनप्रतिनिधियों को विश्वास में लेकर इस कार्य को पूर्ण करने चाहिए।