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जल संचयन की शपथ लेकर ’कैच द रेन’ की थीम पर मनाया जा रहा आजादी का अमृत महोत्सव

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आफताब आलम/बलरामपुर : कोविड प्रोटोकाॅल का पालन करते हुए जिले में मनरेगा के अन्तर्गत 45 हजार से भी अधिक श्रमिक प्रतिदिन रोजगार प्राप्त कर रहे हैं। आजादी के 75वें वर्षगांठ पर ’कैच द रेन’ थीम के साथ जिले के समस्त ग्राम पंचायतों में महात्मा गांधी नरेगा के श्रमिकों द्वारा अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। राज्य शासन के निर्देशानुसार कलेक्टर श्री श्याम धावड़े एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्रीमती तुलिका प्रजापति के मार्गदर्शन में ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा श्रमिकों के साथ मनरेगा कार्यस्थलों पर अमृत महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन में मुख्य रूप से मनरेगा श्रमिकों के साथ जल संचयन के क्षेत्र किये जा रहे कार्यों जैसे तालाब, डबरी, कूप, खेतों की मेढ़बंदी, स्टाॅपडेम, गली प्लग, कंटूरट्रेंच, बोल्डर चेक, गैबियन संरचना इत्यादि के निर्माण पश्चात जल संचयन एवं संरक्षण पर विस्तृत चर्चा कर निरंतर व्यक्तिगत एवं सामूहिक प्रयासों की जानकारी दी जा रही है। इस दौरान श्रमिकों द्वारा शपथ भी लिया गया। जिले में कोविड महामारी के इस संकटमय समय में भी मनरेगा अन्तर्गत पंजीकृत श्रमिकों को निरंतर स्थानीय स्तर पर रोजगार प्राप्त हो रहा है। वर्तमान में प्रतिदिन 45 हजार से भी अधिक पंजीकृत श्रमिक मनरेगा से रोजगार प्राप्त कर रहे हैं। श्रमिकों द्वारा कोविड प्रोटोकाॅल जैसे मास्क का प्रयोग, एक दूसरे से एक निश्चित दूरी बनाकर कार्य करना, एक दूसरे का औजार अथवा अन्य कोई सामान ना छूना, समय-समय पर हाथ धोते रहना इत्यादि सावधानियों का कड़ाई से पालन करते हुए कार्य किया जा रहा है। कलेक्टर श्री श्याम धावड़े ने इस विषय पर जानकारी देते हुए कहा कि जल संचयन वर्तमान समय की बड़ी जरूरत है। जिले में जल संचयन से जुड़े अनेकों कार्य स्वीकृत किये गए है ताकि समुचित प्रबंधन से वर्षा जल का संचयन किया जा सके। जल संचयन तथा जल का दुरुपयोग न करना हम सबका नैतिक दायित्व है और समावेशी विकास के लिए आवश्यक भी।
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती तुलिका प्रजापति ने बताया कि केन्द्र एवं राज्य सरकार के निर्देशानुसार जल संचयन के प्रति जन जागरूकता लाने के उद्देश्य से ’कैच द रेन’ थीम पर बलरामपुर-रामानुजगंज के समस्त ग्राम पंचायतों में मनरेगा श्रमिकों द्वारा आजादी का 75वां अमृत महोत्सव आयोजित कर शपथ ली जा रही है। उन्होंने बताया कि जिले के समस्त जनपदों के ग्राम पंचायतों में जल संचयन के पर्याप्त श्रममूलक कार्य स्वीकृत किये गये हैं तथा वर्तमान में प्रतिदिन 45000 से भी अधिक पंजीकृत श्रमिक स्थानीय स्तर पर रोजगार प्राप्त कर रहे हैं, जिसमें जनपद पंचायत वाड्रफनगर में 9 हजार 291, बलरामपुर में 8 हजार 14, कुसमी में 8 हजार 206, राजपुर में 7 हजार 270, रामचन्द्रपुर में 7 हजार 243 एवं शंकरगढ़ में 5 हजार 838 पंजीकृत श्रमिक निरंतर रोजगार प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने मनरेगा श्रमिकों के साथ-साथ आम लोगों से भी वर्षा जल के संचयन हेतु अपील की है तथा इसे पर्यावरण के लिए अति महत्वपूर्ण बताया है।

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