- कलेक्टर ने आयुक्त से मांगे शामिल दोषी तत्कालीन अधिकारी कर्मचारी एवं ठेकेदारो के नाम
आषीस जायसवाल/रायगढ : स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत निर्मित शौचालय के निर्माण संबंधी शिकायत में जिला कलेक्टर रायगढ़ द्वारा करायी गयी विस्तृत जांच में दिनांक 09/07/2020 को पत्र जारी कर आयुक्त नगर पालिक निगम रायगढ़ से स्वच्छ भारत मिशन अतर्गत हितग्राहीयों के घरों में शौचालय निर्माण अनियमितता में संलिप्त जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी के नाम मागे गये थे , आज पर्यत तक नगर पालिक निगम से दोषियों के नाम नहीं सौपे गये , वर्तमान आयुक्त ने तत्काल कार्यपालन अभिंयता को उक्त संबंध में प्रतिवेदन प्रस्तुत करने को कहा है । ज्ञात हो कि विभिन्न एजेंसियों के द्वारा कराये गये निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार के शिकायत प्राप्त होने पर संयुक्त जांच दल गठित कर प्रारंभिक जांच में कुछ अनियमितता पायी गयी , अन्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारीयों को शौचालय निर्माण की जाँच हेतु दल गठन करने का निवेदन किया गया था । जिसमें जिला स्तरीय मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रायगढ़ की अध्यक्षता में गठित जांच समिति द्वारा निगम क्षेत्र के विभिन्न यार्डों में निर्मित शौचालय का निरीक्षण कर भौतिक सत्यापन भारी कमिया पायी गयी । संपूर्ण मामला इस प्रकार है कि नगर पालिक निगम द्वारा रूचि कि अभिव्यक्ति निकाला जा कर शौचालयों का निर्माण किया गया । निजी शौचालयों का निर्धारित तकनिकी मापदण्ड एवं तकनिकी ड्राइंग डिजाईन अनुसार 18000.00 एवं 2000.00 राशि रू . व्यक्तिगत सहयोग से निर्माण किये जाने का निर्देश था । जिसमें एजेंसियों के चयन हेतु लोक निर्माण विभाग में न्यून्तम डी श्रेणी का जीवित पंजीयन होना अनिवार्य था साथ ही अशासकीय , असंगठित स्वच्छता कर्मी के समूह , स्वसहायता समूह , बेरोजगार इंजीनियर आदि छ.ग. फर्म एवं सोसाइटी के अतर्गत पंजीकृत होना चाहिये । इन्हे न्यूनतम डी श्रेणी या अन्य शर्त को पूर्ण करना आवश्यक नही था । रूचि की अभिव्यक्ति जाच उपरांत न्यूनतम डी श्रेणी एवं अशासकिय संगठन के एजेंसी को कार्य पूर्ण करने वाले शर्तों के अनुसार प्रतिद्धता पूर्ण करने हेतु सूचित किया जाना चाहिए । लॉटरी के माध्यम से एजेंसियों का क्रम निकाय की समिति द्वारा निर्धारित किया जाता है । कार्य का आबंटन सभी को 50-50 निजी शौचालय निर्माण करने हेतु दिया जाना चाहिये । जिसमें सभी भाग लिये एजेंसियों को चक्रानुसार / सुचीबद्ध तरीके से कार्य आवंटित किया जाना चाहिये । जिसमें अनुबंध अनुसार 10000 . 00 रू का एफ डी आर या टि.डी.आर जमा करने का प्रावधान है । प्रथम कार्यादेश जारी होने के 120 दिनों में कार्य को पूर्ण किया जाना था । नगर पालिक निगम रायगढ़ के दस्तावेजों का निरिक्षण करने पर पाया गया की रूचि की अभिव्यक्ति के अनुसार भाग लिये एजेंसियों को चक्रानुसार / सुचीबद्ध तरीके से जारी किया गया है . जिसके संबंध में जानकारी / दस्तावेज कार्यालय में उपलब्ध न होना , चार्ड उपअभियंताओं द्वारा भौतिक सत्यापन न करते हुये . भारत शासन के वेबसाईट में जियो टैगिंग कर दिया गया है । जिला स्तरीय जांच समिति को उपलब्ध करायी गयी सूची / दस्तावेज / जानकारी के अनुसार नगर पालिक निगम रायगढ़ द्वारा जारी किये गये कार्यादेश के अनुसार अंकित धनजय पटेल रायगढ को 97 शौचालय निर्माण कार्यादेश क्रमांक 206/24/4/2017 , अंकित फास्ट टैग कम्प्यूटर रायगढ़ को 6 बार कार्यादेश क्रं . 1810/8/2/16 , 53/8/4/16 , 385/8/18/16 , 571/11/8/16 , 896/19/10/16 , 1082/25/11/2016 एवं 770/3/2/2018 जिसमें कुल 545 नग शौचालय , विजयकुमार सिंघानिया अकलतरा को कार्यादेश नं . 569/11/8/2016 को 50 शौचालय निर्माण करने के परिपेक्ष में 226 शौचालय निर्माण , संजय अग्रवाल रायगढ़ को निकाय द्वारा जारी दो कार्यादेश में 100 शौचालय निर्माण के परिपेक्ष में 1126 शौचालय निर्माण , रितेश वैध को जारी 1 कार्यादेश के अनुपालन में 74 शौचालय निर्माण , जयकिशन अग्रवाल , राजेश गुप्ता अजयशर्मा के द्वारा क्रमशः 819,225,328 शौचालय निर्माण किया जाना पया गया । इसके साथ साथ एस.आर कपंनी को 1 कार्यादेश में 498 शौचालय निर्माण , शौर्य कंस्ट्रक्शन द्वारा 43 शौचालय निर्माण , अनिल डालमिया द्वारा 235 शौचालय निर्माण एवं धनंजय पटेल रायगढ़ को जारी कार्यादेश क्रं . 206/24/4/2017 के अनुसार 97 शौचालय का निर्माण किया जाना पाया गया परतु उपरोक्त दस्तावेज का परिक्षण करने पर दस्तावेजों में विभिन्नता , अनुबंध अभिलेख कार्य स्थल का नाम दिनांक , हितग्राही नाम , स्थल एवं में कमी जैसी अनेक बतायें पायी गयी । उपरोक्त विभिन्नतायें होने के उपरांत भी उपअभियाताओं को किये गये कार्यों की जानकारी न होना पाया गया । साथ ही उपअभियताओं को शौचालय निर्माण किये जाने का कार्यादेश भी प्राप्त नहीं हुआ था । जांच की प्रथम दृष्टि में पाया गया की निगम द्वारा ठेकेदारों की नियुक्ती , दस्तावेजों में कमी , निर्धारित समयावधि में कार्य पूर्ण न होना , वार्ड क्रमांक अंकित न करते हुये कार्यादेश जारी करना , गुणवत्ता की जाँच हेतु निरिक्षण समिति का गठन न सत्यापन की कमी , मेजरमेंट बुक में हितग्राहीयों का नाम लिख कर ठेकेदार को पाया गया , भुगतान की गयी राशि किस मद से किस चेक के माध्यम से किया गया जानकारी स्पष्ट नही है । जिला स्तरिय जाँच समिति के अध्यक्ष मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रायगढ़ द्वारा प्रस्तुत जाँच प्रतिवेदन द्वारा स्वच्छ भारत मिशन अतर्गत निर्मित शौचालयों में की गयी।अनियमित्ताओं के लिये जिम्मेदार अधिकारी / कर्मचारी एवं दोषियों के नाम पर यह अनुमान लगाया जा रहा है , कि इतने बड़े भ्रष्टाचार को देखते हुये . निलंबन / प्रथम सूचना रिपोर्ट हेतु भी निर्देश दिये जा सकते है ।