देश दुनिया वॉच

बेटे ने मां का शव देखने तक से किया इनकार, बहनें चीखती रहीं- भैया एक बार दरवाजा खोल दो…

Share this

रांची : देश में कोरोना संक्रमण के संकट के बीच बीते कई दिनों से रोजाना के मामले 3 लाख की संख्या से नीचे आ गए हैं. लेकिन महामारी से मरने वालों की संख्या में कमी नहीं है. इसी बीच रांची के एक गांव से एक झकझोर देने वाला मामला सामने आया है. जहां एक बेटे ने मां के अंतिम संस्कार से इनकार कर दिया.

कांके प्रखंड के चेवे खटंगा में एक महिला की मौत हो गई जिसके बाद उसका शव घंटों एंबुलेंस में पड़ा रहा. इस दौरान महिला की बेटियां अपने भाई से गुहार लगाती रहीं कि भाई एक बार दरवाजा खोल दो. मां की इच्छा थी कि तुम उसका अंतिम संस्कार करो. मां को कोरोना नहीं है. उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आ चुकी है. बावजूद इसके भाई का दिल नहीं पिघला. अंतिम संस्कार तो दूर बेटे ने मां के शव को आंगन में रखने तक नहीं दिया. उसने साफ मना कर दिया कि मां के लिए दरवाजा नहीं खुलेगा.

55 वर्षीय सांझो देवी की तबीयत खराब होने के बाद अस्पताल में इलाज चल रहा था. बेटे को शक था कि उसकी मां को कोरोना है. इसलिए बेटा अस्पताल में मां को देखने तक नहीं गया. शुक्रवार को महिला की मौत हो गई. बेटियां एंबुलेंस से शव लेकर घर पहुंचीं.

शुरू में दोनों बहनों ने भाई को मनाने की कोशिश की, लेकिन वह कुछ भी सुनने को तैयार नहीं हुआ. थोड़ी देर में यह विवाद बढ़ गया. मामला मारपीट तक पहुंच गया. भाई ने हिदायत तक दे डाली कि मां की लाश को गांव से दूर जलाना ताकि उस तक संक्रमण नहीं पहुंच सके.

ऐसे में जब सारे प्रयास विफल हो गए तब बेटियों ने ही मां का अंतिम संस्कार किया. मिली जानकारी के मुताबिक, महिला के पति की मौत पहले ही हो गई थी. पति की जगह नौकरी मिली तो महिला ने उसे बेटे को दे दिया ताकि उसका घर परिवार अच्छे से चल सके. उसी मां को मौत के बाद बेटे का कंधा तक नसीब नहीं हुआ. यहां तक कि बेटा मां को देखना भी नहीं चाहता था.

Share this

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *