- पुलिस का दावा- कैंप को हटाने नक्सलियों ने झोंकी ताकत, दूर-दूर से पहुंच रहे ग्रामीण
जगदलपुर : सुकमा और बीजापुर जिले के सीमावर्ती सिलगेर में नक्सलियों और पुलिस के बीच आर-पार की लड़ाई जैसी स्थिति बन गई है। सिलगेर में ग्रामीणों के उग्र प्रदर्शन के दौरान 17 मई को फायरिंग में मारे गए 3 शव को 19 मई को उनके गांव अंतिम संस्कार के लिए भेज दिया गया था, लेकिन नक्सली 20 मई की सुबह गांव पहुंच गए 3 शव को वापस सिलगेर कैंप बुलवा लिया, जहां दिन भर ग्रामीणों का जोरदार प्रदर्शन जारी रहा। इसके बाद गांव में शवों का अंतिम संस्कार हुआ। बताया जाता है कि नक्सली हर हाल में सिलगेर कैंप हटाना चाहते हैं, क्योंकि वह उनका सुरक्षित कॉरिडोर है। कैंप बनने से नक्सलियों का आधार क्षेत्र से प्रभाव कम हो जाएगा। वहीं, पुलिस लगातार नक्सलियों के प्रभाव क्षेत्र में कैंप खोलकर नक्सल समस्या को खत्म करने में लगी हुई है।
आईजी सुंदरराज पी. के अनुसार माओवादी इस घटना को अलग रूप देकर ग्रामीणों को एकजुट कर फायदा उठाना चाहते हैं। उनकी मंशा है कि 3 शव की समाधि सिलगेर में बनाकर पुलिस के खिलाफ माहौल तैयार करें। जबकि ग्रामीणों की मंशा के अनुसार आदिवासी रीति रिवाज के अनुसार उनका अंतिम संस्कार गांव में करने के लिए शव भेजा गया था। आज चौथा दिन होने से शव की हालत भी खराब हो रही थी । बॉडी से दुर्गंध भी आने लगी थी। बहरहाल गुरूवार को शव के साथ ग्रामीणों का प्रदर्शन जारी रहा। बताया गया कि कैंप को हटाने के लिए नक्सलियों के आदेश पर ग्रामीणों का प्रदर्शन चल रहा है। जिसमें खूंखार नक्सली कमांडर हिड़मा के करीबी के अलावा अन्य तीन नक्सली लीडर शंकर, इरपा जगदीश और उमेश कमान संभाले हुए हैं। ये नक्सली सिलगेर के अलावा अन्य गांव से आने वाले लोगों को कैंप के सामने जाकर प्रदर्शन करने के लिए उकसा रहे हैं। वहीं सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी के सिलगेर पहुंचने की जानकारी मिली है और मानवाधिकार कार्यकर्ता बेला भाटिया को वहां जाने से रोका गया है। बताया जाता है कि मारे गए 3 ग्रामीण पाण्डू तिम्मापुर थाना जगरगुंडा जिला सुकमा का निवासी है, वहीं कवासी बागा ग्राम छुटवही तथा कुरसम भीमा ग्राम गुंडेम दोनों बीजापुर जिले के बासागुड़ा थाना के निवासी हैं। आईजी के मुताबिक मारे गए 3 लोग ग्रामीण नहीं बल्कि नक्सली फ्रंट लाईन संगठन के लोग हैं। पाण्डू और कवासी बागा डीएकेएमएस सदस्य एवं कुरसम भीमा जनताना सरकार अध्यक्ष है।
बंद को लेकर पुलिस अलर्ट
नक्सलियों ने गोलीकांड के विरोध में 21 मई को सुकमा और बीजापुर जिला बंद का आह्वान किया है। बंद को लेकर पुलिस अलर्ट है। कोरोना के समय लोगों को खतरे में डालकर नक्सली सिलगेर भेज रहे हैं।
बड़ी संख्या में दूर-दूर से ग्रामीणों के पहुंचने से कोरोना संक्रमण बढ़ने का खतरा उत्पन्न हो गया है।
-सुंदरराज पी, आईजी बस्तर
तर्रेम कैंप खुलने से तेजी से हो रहा विकास
तर्रेम कैंप खुलने से इलाके में पुल-पुलिया, सड़क बिछी और गांव तक बिजली पहुंची। सिलगेर में कैंप खुला तो वहां भी विकास तेज होगा। पुलिस का ऐसा मानना है कि सिलगेर में कैंप बनने से नक्सलियों का सेफ कॉरिडोर प्रभावित होगा। हिड़मा का गांव पुअर्ती भी पास है ऐसे में नक्सलियों का प्रयास है कि विरोध कर सिलगेर में कैंप लगने नहीं देना है।
आज बीजापुर सुकमा बंद का आह्वान
दक्षिण सब जोनल ब्यूरो दण्डकारण्य ने इस घटना के विरोध में 21 मई को सुकमा, बीजापुर बंद का आह्वान किया है। जिसे सफल बनाने के लिए दूर-दूर के गांव से ग्रामीणों को भेजा जा रहा है। इसके लिए 4 एरिया कमेटी जगरगुंडा, पामेड़, केरलापाल समेत एक अन्य को जिम्मेदारी सौंपी गई है।

