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निगम की जांच ने भी बीएसपी के पानी की शुद्धता पर लगाई मुहर

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  • बीएसपी के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की विश्वसनीयता 60 वर्षों से आज भी है कायम

तापस सन्याल/भिलाई : विदित हो कि सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र विगत छः दषकों से भी अधिक समय से संयंत्र व भिलाई टाउनषिप में पीने का शुद्ध पानी प्रदान कर रहा है। बीएसपी द्वारा प्रदत्त पेयजल की शुद्धता सर्वश्रेष्ठ रही है। आज भी बीएसपी के पानी के शुद्धता की मिसाल दी जाती है। परन्तु कुछ दिनों से बीएसपी के पेयजल की गुणवत्ता पर सवाल उठाये जा रहे है। पेयजल की शुद्धता को बनाये रखने के लिए बीएसपी ने निरन्तर कवायद की है। भिलाई टाउनषिप के विभिन्न सेक्टरों से पेयजल का सैम्पल लिया गया था जिसकी रिपोर्ट ने बीएसपी के पानी के क्वालिटी पर उठ रहे सवालों पर विराम लगा दिया। भिलाई नगर निगम के 77 एमएलडी जलषोधन संयंत्र में इन सैम्पल्स की जांच की गई और बीएसपी के पानी को नियमानुसार निर्धारित नाॅम्र्स के अनुरूप पीने योग्य पाया गया।

वर्तमान में शहर में जो पानी सप्लाई किया जा रहा है उसमे मटमैले रंग को छोड़कर अन्य कोई भी अतिरिक्त पैरामीटर गुणवता मानदंडो के बाहर नहीं पाया गया। ये मटमैला रंग भी छत्तीसगढ़  के जल संसाधन विभाग द्वारा तांदुला जलाषय से दिए गए दूषित व अत्यन्त गंदे राॅ-वाटर के कारण ही है।

शुद्ध करने की मानक प्रक्रिया

छत्तीसगढ़ जल संसाधन विभाग से प्राप्त राॅ-वाटर को शुद्ध व पीने योग्य बनाने हेतु बीएसपी के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में अनेक प्रक्रियाआंे से गुजारा जाता है। जिसमें एलम के साथ प्री-क्लोरिनेषन, केमिकल कोगुलेषन, स्टेªट फ्लो टाइप सेडीमेंटेषन टैंक में सेटलिंग, रैपिड ग्रेविटी सैंड फिल्टर्स के माध्यम से फिल्टरेषन और ट्रिटेड वाटर का पोस्ट क्लोरिनेषन आदि शामिल है।

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