रायपुर : केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ में अपनी योजनाओं की मानिटरिंग स्वयं करेगा। केंद्र को शिकायतें मिली है कि राज्य सरकार या जो इन योजनाओं की सही तरीके से लागू नहीं कर रही या नाम बदल कर लागू कर रही है। यह फीडबैक सांसदों के साथ-साथ केंद्रीय विभागों के अफसरों ने भी दी है।
केंद्रीय योजनाओं की मॉनिटरिंग और पैसे के उपयोग का हिसाब किताब रखने के लिए 1 जुलाई से नया सिस्टम लागू हो जाएगा। इसके मुताबिक केंद्र प्रायोजित योजनाओं की मॉनिटरिंग के लिए राज्य से संबंधित विभाग में नोडल एजेंसी की नियुक्ति की जाएगी। साथ ही नोडल एजेंसी और इंप्लीमेंटिंग एजेंसी के बैंक अकाउंट के जरिए किए जाने वाले खर्च पर अब सीधे केंद्र सरकार की नजर रहेगी। इसके तहत गृह मंत्रालय के अधीन चलने वाली योजनाओं जैसे बार्डर एरिया डेवलपमेंट प्रोग्राम और पुलिस फोर्स के आधुनिकीकरण की अंब्रेला योजनाओं और दूसरी उप योजनाओं में भी यह लागू होंगी। केंद्रीय गृह सचिव ने मुख्य सचिव को लिखे पत्र में बताया है कि पुलिस फोर्स के आधुनिकीकरण और बार्डर एरिया डेवलपमेंट की तात्कालिक जरूरत और योजनाओं के सुचारू क्रियान्वयन को ध्यान में रखकर यह निर्णय लिया गया है। इससे पहले वित्त मंत्रालय ने केंद्र प्रायोजित योजनाओं की मॉनिटरिंग और फंड रिलीज करने और पैसे के उपयोग के संबंध में गाइडलाइन जारी किया था।
केंद्र और राज्य सरकार के पैसे का अलग- अलग एकाउंट
विभिन्न योजनाओं के लिए नोडल एजेंसी को अधिसूचित कॉमर्शियल बैंक अकाउंट खोलना होगा, ताकि वे अधिकृत तौर पर सरकारी कामकाज कर सकें। यह पब्लिक फंड मैनेजमेंट सिस्टम (पीएफएमएस) से भी जुड़ा होगा, जिससे कि पैसा सीधे संबंधित खाते में ट्रांसफर हो सकेगा। इंप्लीमेंटिंग एजेंसी के द्वारा जो राशि खर्च नहीं की जा सकेगी वो वापस सिंगल नोडल एजेंसी के खाते में आ जाएगी। साथ ही केंद्र और राज्यांश का भी इसमें अलग- अलग उल्लेख होगा।

