अक्कू रिजवी/कांकेर। केन्द्र सरकार के द्वारा खाद्् की बोरी पर मूल्य में 600 रू. से अधिक की वृद्धि कर कोरोना की मार झेल रहे किसानों पर महंगाई की एक और चोट दिया गया है जिससे मोदी सरकार के किसान विरोधी चेहरा स्पष्ट रूप से उजागर हो चुका है । जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सुभद्रा सलाम ने विज्ञप्ति के माध्यम से कहा कि देश में रसायनिक खाद तथा पेट्रोलियम पदार्थों के मूल्य में बेतहाशा वृृद्धि से सबसे ज्यादा किसान वर्ग प्रभावित है मोदी सरकार किसानों की आय को दुुगुना करने की बात कर सत्ता हासिल किया किन्तु सत्ता में आने के बाद लगातार रसायनिक खाद् एवं पेट्रोलियम पदार्थों के मूल्यों में वृृद्धि से किसान तथा आमजनता के लिए यह कोरोना काल में दोहरी मार साबित हो रही है। उन्होंने यह कहा कि केन्द्र सरकार रसायनिक खाद् के मूल्य में किये गये वृद्धि को वापस लेकर किसानों को राहत प्रदान करे ।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष श्रीमती सुभद्रा सलाम ने केन्द्र की भाजपा सरकार तथा भाजपा के नेताओं पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि छ.ग. सरकार के द्वारा धान खरीदी के दौरान उत्पन्न हुए बारदाना संकट में किसानों से बारदाने का मूल्य 15 रू. के निर्धारण पर भाजपा नेताओं ने विधवाविलाप किया था किन्तुु मोदी सरकार के द्वारा रसायनिक खाद् डीएपी/यूरिया के प्रति बोरी में 600 से अधिक रूपये की वृद्धि पर मुह में ताला लग गया है उन्हें किसानों की थोड़ी भी चिंता नहीं है केवल राजनीतिक फायदा लेेने किसानों को मोहरे के रूप में इस्तेमाल करती है ठीक उसी प्रकार यदि हम देखे कि पिछले एक वर्ष के भीतर पेट्रोल तथा डीजल में कीमतों में देश में 15 से 20 रूपये प्रति लीटर की मूल्य वृद्धि हुई है जो कि भाजपा सरकार के नीतियों के विफलता का प्रमाण है केन्द्र सरकार के गलत नीतियों के कारण से लगातार देश में महंगाई बढ़ रही है तथा मध्यम एवं गरीब परिवारों को महंगाइ का दंश झेलना पड़ रहा है लगातार खाद्य पदार्थों के मूल्य में हो रही वृृद्धि चिंताजनक है किन्तु मोदी सरकार महंगाई के मुद्दे पर मौनी बाबा बने बैठे है ।
रसायनिक खाद् और पेट्रोलिम पदार्थ के मूल्य वृद्धि कोरोना काल में किसानों तथा आम जनता के दोहरी साबित होगी: सुभद्रा सलाम
