बीजापुर : सिलेगर में हुई मुठभेड़ का विरोध तेज हो गया है। नक्सलियों ने विरोध में 21 मई को दोनों जिलों सुकमा और बीजापुर में बंद का आह्वान किया है। उधर, फायरिंग में मरने वालों की संख्या को लेकर नक्सली और ग्रामीण ही एक मत नहीं है। ग्रामीण जहां 9 लोगों के मारे जाने की बात कह रहे हैं, वहीं नक्सलियों ने भी 3 की मौत बताई है। यही पुलिस का भी कहना है। हालांकि अभी तक तीनों शवों की शिनाख्त नहीं हो सकी है।
सुकमा-बीजापुर बार्डर पर सिलेगर में सोमवार को कैंप के विरोध के दौरान फायरिंग हुई थी। पुलिस अफसरों ने इसे नक्सली मुठभेड़ बताया है। ग्रामीणों का कहना था कि वहां नक्सली थे ही नहीं। फायरिंग सिर्फ पुलिस ने की है। फिलहाल तीनों शवों को बीजापुर अस्पताल की मोर्चरी में रखा गया है। मुठभेड़ में 6 पुलिसकर्मियों सहित 11 लोग घायल हुए हैं। उन्हें भी जिला अस्पताल लाया गया है। ग्रामीणों को गंभीर चोटें आई हैं।
नक्सली बोले- बस्तर IG और बीजापुर SP के निर्देश पर हुई फायरिंग
नक्सलियों ने प्रेस नोट जारी कर कहा है कि सिलेगर में CRPF कैंप के विरोध में ग्रामीण 4 दिन से शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे। राज्य सरकार के आदेश और बस्तर IG सुंदरराज पी व बीजापुर SP कमल लोचन कश्यप के निर्देश पर फायरिंग की गई। इसमें 3 ग्रामीणों की मौत हो गई है। नक्सलियों का कहना है कि निहत्थे ग्रामीणों पर हमला कर उसे माओवादी मुठभेड़ की मनगढ़ंत कहानी बताई जा रही है। इसके लिए IG और SP पर कार्रवाई की जाए।
जवानों ने गांववालों को रोका तो विवाद हो गया
सुकमा-बीजापुर बार्डर पर स्थित सिलगेर गांव में पिछले हफ्ते सुरक्षा बलों का कैंप लगाया गया है। गांववालों का आरोप है कि फोर्स ने हमारे जल, जंगल, जमीन पर कब्जा किया है। इसे लेकर गांव में नाराजगी है और वे इसके विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। सोमवार को गांववाले तार की फेसिंग तोड़कर कैंप इलाके में घुसने की कोशिश करने लगे। जवानों ने उन्हें रोकने की कोशिश की। इस दौरान दोनों पक्षों में विवाद हो गया। तभी गोलियां चलने की आवाज आने लगी और भगदड़ मच गई।