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राइस मिलरों की उदासीनता को लेकर सख्त हुए कलेक्टर, 14 मिलरों को कारण बताओ नोटिस जारी

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  • कस्टम मिलिंग का कार्य हुआ प्रभावित, काली सूची में दर्ज किये जा सकते हैं राइस मिल

आफताब आलम/बलरामपुर : खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में उपार्जित धान का मिलिंग क्षमता के अनुरूप कस्टम मिलिंग का कार्य नहीं करने पर कलेक्टर श्याम धावड़े ने जिले में संचालित 14 राइस मिलर्स को कारण बताओ नोटिस जारी की है। उन्होंने समय-सीमा पर नोटिस का जवाब नहीं देने पर राईसमिल को काली सूची में दर्ज करने की बात कही है। जिसमें जय बालाजी राइसमिल, लक्ष्मी राईसमिल, संतोषी राईसमिल, महामाया राईसमिल, मनोकामना राईसमिल, हरिओम राईसमिल, नवदुर्गा राईसमिल, ओम राईसमिल, राजकुमार राईसमिल, आर.के. राईसमिल, सर्वमंगला राईसमिल, शिवशक्ति राईसमिल, हनुमान राईसमिल तथा नालंदा एग्रो राईसमिल शामिल हैं।
ज्ञातव्य है कि खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में उपार्जित धान कस्टम मिलिंग कर चावल जमा करने हेतु उक्त मिलर्स द्वारा अनुबंध निष्पादन किया गया है, इसके बावजूद इनके द्वारा स्थापित मिलिंग क्षमता के अनुरूप कस्टम मिलिंग का कार्य नहीं किया जा रहा है। जिसके कारण खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में उपार्जित धान का निराकरण प्रभावित हो रहा है। उक्त कृत्य छत्तीसगढ़ कस्टम मिलिंग चावल उपार्जन आदेश 2016 की कंडिका 4(3)(5) एवं निष्पादित अनुबंध की कंडिका 1, 3(2), 6(1) का स्पष्ट उल्लंघन है। जिससे कलेक्टर ने उक्त राइस मिल को काली सूची में दर्ज करने बात कही है। उन्होंने राइस मिलरों से तत्काल अपने मिल के क्षमता के अनुरूप समितियों से शेष धान का डीओ जारी कराते हुए नोटिस प्राप्ति के 02 दिवस के भीतर उक्त कृत्य का जवाब स्वयं उपस्थित होकर अधोहस्ताक्षरकर्ता के समक्ष प्रस्तुत करने को कहा है। जवाब समयावधि में प्राप्त नहीं होने या संतोषजनक नहीं पाये जाने पर उनके विरूद्ध नियमानुसार कड़ी कार्यवाही की जायेगी।

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