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कोरोनारोधी दवा 2 ड़ीजी मरीजो के लिये रामबाण साबित होगी: गिरधर

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विकास अग्रवाल/खरसिया/रायगढ़ : छत्तीसगढ़ प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के पूर्व महामंत्री प्रदेश कार्यसमिति सदस्य एवं कोरबा जिले के भाजपा के प्रभारी गिरधर गुप्ता ने बताया आज केन्द्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिह, और केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री डा. हर्षवर्धन की मौजूदगी में कोरोना की नई दवाई को नई दिल्ली में लाँच किया गया। इसके बारे में उन्होंने विस्तार से जानकारी दी जो इस प्रकार है। 17 मई को डीआरडीओ कि कोविड रोधी दवा 2-डी आक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) को नई दिल्ली में लाँच किया गया। कोरोना के मचे हाहाकार के बीच ऐसा कहा जा रहा है कि यह दवा मरीजो के लिया रामबाण साबित हो सकती है। ऐसे में सभी के मन में यह सवाल उठ रहा होगा कि ये दवा काम कैसे करती है और वास्तव में ये है क्या। दरअसल, डीसीआईजी ने डीआरडीओ की कोविड रोधी दवा 2-डी आक्सी-डी-ग्लूकोज (2- डीजी) को हाल ही इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी थी। डीआरडीओ ने इस दवा को डा. रेड्डीज लैबोरेटरीज के साथ मिलकर तैयार किया गया। ग्लूकोज पर आधारित इस दवा से कोरोना मरीजो को आक्सीजन पर ज्यादा निर्भर नही रहना पडेगा, साथ ही वे जल्दी स्वस्थ हो जायेंगे। 2-डी आक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) दवा को इंस्टीट्यूट आफ न्यूक्लियर मेडिसिन एंड एलाइड साइंसेज (आईएनएमएएस) द्वारा हैदराबाद डा० रेड्डी लैब के साथ मिलकर तैयार किया गया है। ये दवाई सैशे में उपलब्ध होगी। मरीज इसे पानी में घोलकर पी सकेंगे। ये दवाई पाउडर के रूप में रहेगी. सैशे को मरीज पानी में घोलकर पी सकेंगे। इस दवा को सेकेंडरी मेडिसिन कि तरह उपयोग करने कि परमिशन दी गई है। यह दवा काफी हद तक ग्लूकोज जैसी है, मगर ग्लूकोज नही है। वायरस शरीर में पहुचते ही अपनी कापीज बनाना शुरू कर देती है, इसके लिए उसे ताकत चाहिए होती है, जो ग्लूकोज से मिलती है। जब यह दवा दी जायेगी, तो वायरस इस ग्लूकोज एनालाग को देगा और उसी में फस जायेगा, नतीजा ये होगा कि वायरस अपनी कापीज नही बना पायेगा, इससे उसकी ग्रोथ रूक जाएगी। ट्रायल में नही सामने आया कोई साइडइफेक्ट यह दवा दिन में दो बार लेनी होगी। कोविड-19 मरीजो को पूरी तरह ठीक होने के लिए 5 से 7 दिन तक यह दवा देनी पड़ सकती है। ट्रायल में इस दवाई के साइड इफेक्ट नही पाए गए, जबकि ये दवाई सामान्य और गंभीर दोनों तरह के मरीजो को दी गई थी। कोविड-19 के इलाज के लिए 2-आक्सी-ड़ी ग्लूकोस यानी 2-डीजी नाम के इस एंटी-कोविड ड्रग को डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने बनाया है। 2-डीजी को डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) के इंस्टीट्यूट आफ न्यूक्लियर मेडिसिन एंड एलाइड साइंसेज (आईएनएमएएस) ने विकसित किया है। इसमें हैदराबाद स्थित डा. रेड्डीज लैबोरेटरी (डीआरएल) भी शामिल है। डा. रेड्डीज लैबोरेटरी ही आम लोगो के लिए इस दवा को बनायेगी।

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