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आइसोलेशन सेंटर में सजा विवाह का मंडप, कोरोना संक्रमित जोड़े ने लिए सात फेरे; सेंटर के मरीज ही बने बराती और घराती

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बालोद : जिले में कोरोना संक्रमित युवक और युवती की शादी की चर्चा हो रही है। दोनों महावीर आइसोलेशन सेंटर में इलाजरत हैं। शुक्रवार को छत्तीसगढ़ी रीति रिवाज से दोनों विवाह के बंधन में बंध गए। सेंटर में मौजूद कोरोना संक्रमित अन्य मरीज शादी में बाराती और घराती बने। दरअसल, आइसोलेशन सेंटर में भर्ती चंद्रकांत साहू और कांति साहू अपना इलाज करा रहे हैं। दोनों की एक महीने पहले शादी हुई थी। लेकिन कुछ दिनों बाद दोनों कोरोना संक्रमित हो गए। दूल्हा बने चंद्रकांत साहू ने कहा कि खुशियां जहां से मिले उन्हें ले लेना चाहिए। कोरोना महामारी ने लोग को डरा करके रखा है, इसलिए हमने अक्षय तृतीया के शुभ मुहूर्त को यादगार बनाने का फैसला लिया और शुक्रवार को दोबारा शादी के बंधन में बंधे। वहीं, सेंटर के इंचार्ज दुष्यंत सोनबोइर ने बताया कि अक्षय तृतीया के दिन को खास बनाने के लिए इस तरह का कार्यक्रम किया। उन्होंने कहा कि कोरोना के चलते मरीजों के डर को भगाकर माहौल को खुशनुमा बनाने की कोशिश की गई। उन्होंने बताया कि दूल्हा-दुल्हन के तेल हल्दी रस्म के बाद मरीज जमकर थिरके। साथी मरीजों ने गिफ्ट देकर आशीर्वाद भी दिए। दुल्हन कांति ने भास्कर को बताया कि यह एक अलग अनुभूति है।

शादी में अन्य कोरोना मरीज बने परिजन
सेंटर के इंचार्ज सोनबोइर ने बताया कि इस अनूठी शादी में शामिल होने वाले सभी बाराती और घराती कोरोना के मरीज ही थे। दरअसल कोरोना ने धूमधाम से होने वाली शादियों पर ग्रहण लगा दिया है। कोरोना काल में होने वाली शादियों के लिए प्रशासन कड़ा रुख अपनाते हुए 10 लोगों को ही शादी में शामिल होने की अनुमति दे रहा है। ऐसे में अक्षय तृतीया के शुभ मुहूर्त पर महज औपचारिकता पूरी कर कई शादियां हुईं, जिसमें से चिरईगोड़ी गांव के कोरोना संक्रमित दंपती भी है। दंपती ने दोबारा से शादी करने का प्रस्ताव खुद ही दिया था।

आत्मविश्वास व बीमारी से लड़ने की मिलती ताकत
डॉक्टर प्रदीप जैन बताते हैं कि कोविड सेंटर में मरीजों के इलाज के अलावा उनका आत्मविश्वास जगाने की जरूरत है। लोगों के अंदर कोरोना का भय है। सेंटर में पारिवारिक वातावरण बनाने के प्रयास किए जाते हैं। दरअसल ग्रामीण क्षेत्र में अक्षय तृतीया के दिन गुड्‌डा-गुडिया की शादी करने का रिवाज है, तो हम इसे कराने की तैयारी में थे, लेकिन तभी चिरईगोड़ी गांव के रहने वाले दंपती ने खुद प्रस्ताव रखा कि क्यों न हमारी शादी दोबारा कराई जाए। इस प्रस्ताव के बाद शादी करने की पूरी तैयारी की गई। और कोविड सेंटर के मरीज इस शादी समारोह में शामिल हुए।

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