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ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रो में होने वाले प्रत्येक विवाह कार्यक्रम पर रहेगी प्रशासन की पैनी नजर, विवाह में लगाये गए टेंट, पंडाल, बाजा होगी जब्त, बीएमओ को नोटिस जारी

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  • कलेक्टर ने ली समय-सीमा की ऑनलाइन बैठक

रविशंकर गुप्ता/अम्बिकापुर :  आगामी 14 मई को अक्षय तृतीया के मांगलिक अवसर पर ग्रामीण एव शहरी क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर होने वाले विवाह कार्यक्रमों तथा इससे कोरोना संक्रमण के फैलने के खतरे को दृष्टिगत रखते हुए 12 मई से ही जिले के सभी ग्रामो से विवाह आयोजन की सूची तैयार कर कोरोना निगरानी दल के द्वारा सख्त निगरानी की जाएगी। विवाह में केवल कुल 10 लोग ही शामिल होंगे। टेंट, पंडाल,डीजे या अन्य बाजा के उपयोग पर तत्काल जब्ती की कार्यवाही की जाएगी। कलेक्टर श्री संजीव कुमार झा ने बुधवार को समय-सीमा की ऑनलाइन बैठक में अधिकारियों को  आज से ही तैयारी शुरू करने के निर्देश दिए। इस दौरान कलेक्टर ने बीएमओ भफौली  के द्वारा अब तक  कंट्रोल रूम स्थापित न करने तथा होंम आईसोलेशन मरीजो के निगरानी में लापरवाही बरतने पर कारण बताओ सूचना जारी करने के निर्देश दिए।

कलेक्टर ने कहा कि  सभी ग्रामो में 14 मई को होने वाली शादी की संख्या की सूची तैयार कर तहसीलदार, बीएमओए क्लस्टर प्रभारी  तथा  थाना प्रभारी की दे। सभी  गांव में कोटवारों से लगातार मुनादी कराये कि बिना अनुमति के शादी  का आयोजन न करें, शादी में घराती, बाराती सहित केवल 10 लोगो को ही अनुमति होगी। इन 10 लोगो का कोरोना टेस्ट निगेटिव होना चाहिए। टेन्ट, पंडाल बाजा नही लगाना है। क्लस्टर के अनुसार पुलिस 5-6 पेट्रोलिंग टीम गठन कर लगातार ग्रामो में पेट्रोलिंग करें।

कलेक्टर ने कहा कि अक्षय तृतीया के दिन ग्रामो में विवाह पर  कड़ी मॉनिटरिंग करें। बाल विवाह रोकने महिला एवं बाल विकास विभाग के टीम भी लगातार मॉनिटरिंग  करें। अक्षय तृतीया में होने वाले विवाह की निगरानी के लिए कोरोना निगरानी दल, पुलिस के साथ ही जनपद सीईओ एवं बीईओ भी तहसीलदार भी सतर्क रहें। उन्होंने कहा कि  शहर  से लगे ग्रामों में भी निगरानी रखें । इन ग्रामो में स्थित फार्म हाउस में शहर के लोग विवाह का आयोजन कर सकते हैं। कलेक्टर ने होंम आईसोलेशन में निगरानी व्यवस्था को गंभीरता से लेते हुए कहा कि प्रत्येक मरीज को दिन में कम से कम तीन बार फोन कर उसकी ओक्सिजन सेचुरेशन, तापमान, पल्स रेट की जानकारी लें। मॉनिटरिंग के लिए कर्मचारी की कमी न होने दें।  बीएमओ कंट्रोल रूम में रजिस्टर रखें जिसमे प्रत्येक मरीज की प्रतिदिन तीन बार की जानकारी दर्ज करें। किसी भी स्थिति में होंम ऐसोलेशन के मरीज की स्थिति बिगड़ने न दें। मरीज के रिपोर्ट के अनुसार सीएचसी या मेडिकल कॉलेज में  तत्काल शिफ्ट कराने की व्यवस्था रखें।

कलेक्टर ने गोधन न्याय योजना की समीक्षा करते हुए कहा कि  गोठान में बाहर पड़े गोबर को वर्मी टांका में डालें ताकि बारिश में खराब न हों। उन्होंने पीएचई द्वारा गोठानो में की गई बोर खनन के बड़ी संख्या में असफल होने पर कहा कि सभी असफल बोर खनन की रिकवरी पीएचई  विभाग से कराई जाएगी।

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