टीकम निषाद /देवभोग : ब्लॉक के पंचायतों में राज्य एवं केंद्र सरकार द्वारा लाखों रुपए आवंटित करने के बावजूद भी चौक चौबंद साफ-सफाई सहित विकास कार्य नजर नहीं आता । जबकि साफ सफाई के नाम पर हजारों रुपए आहरण कर लिया जाता है। ऐसे ही ग्राम पंचायत धरनिधोड़ा में देखने को मिल रहा है। जिसका प्रमुख कारण कागज पर बनाए कार्य की राशि निकालकर बंदरबांट करने को माना जाता है। तभी नाली से लेकर मुख्य चौराहा स्कूल परिसर सहित अन्य जगहों पर साफ सफाई के लिए ग्रामीण तरस जाते हैं। यहां के कई लोग गंदगी कचरा और अव्यवस्थाओं के बीच गुजर बसर करने को मजबूर है। क्योंकि गली मोहल्ला सहित नलकूप में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। लेकिन जिम्मेदार सरपंच सचिव सफाई को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नहीं है । ग्रामीण को भी समझ नहीं आ रहा है। कि वह कोरोना जैसी महामारी से लड़े या फिर घर घर के बाहर पड़ी गंदगी से होने वाली बीमारियों का मुकाबला करें ।क्योंकि अधिकांश ग्रामीण गंदगी के चलते डायरिया मलेरिया बुखार बीमारी का शिकार होते हैं। जिनका उपचार भी मुश्किल होता है क्योंकि यह पंचायत मुख्यालय से कोसों दूर में बचा हुआ है। सबसे खास बात तो यह है कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत साफ सफाई के नाम पर इस पंचायतों में लाखों रुपया आहरण करने की बात कही जा रही है। फिर भी गंदगी से भरा गली मोहल्ला देख जिम्मेदारों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा होता है ।की आखिरकार राशि निकालने के बाद उक्त राशि की किस कार्य में खर्च किया जाता है। ग्रामीणों की माने तो सरपंच सचिव कोरेना की आड़ लेकर ना बैठक करते है ।और ना आय वव्य की जानकारी देते है ।सरपंच सचिव आपस में निर्णय लेकर मनमानी तरीके से राशि खर्च करने का आरोप भी लगाया जा रहा है। ग्रामीणो के अनुसार पंचायत के सरपंच सचिव को कईयों बार गांव की साफ सफाई कराने के लिए कहा गया लेकिन कभी आवंटन का टूटा बताते हैं। तो कभी लॉक डाउन का पल्ला झाड़ते हैं। उस जगह के गंदगी को तो ग्रामीण स्वयं साफ कर लेते हैं। मगर जहां अधिक गंदगी होता है उसकी सफाई करना मुश्किल होता है इसलिए लगातार ग्रामीण साफ सफाई मांग करते हैं ।
स्वच्छ भारत अभियान को ठेंगा धारण ढोड़ा पंचायत के गली मोहल्लों पर गंदगी का अंबार
