रवि सेन/बागबाहरा : कोरोना संक्रमण काल के चलते महासमुन्द जिले में 14 अप्रैल से लॉक डाउन लगाया गया है । लॉक डाउन के लंबे अंतराल के कारण इन छोटे व्यवसायियों के ऊपर आर्थिक संकट गहरा रहा है । हालांकि शासन द्वारा दिये गए नए गाइडलाइन के अनुसार इन फल एवम सब्जी व्यवसायियों को अस्थाई रूप से ठेले में घूम – घूम फल एवम सब्जियों को बेचने की अनुमति दिया गया है लेकिन बागबाहरा नगर के ये फल एवम सब्जी विक्रेता ठेले लगाने की अनुमति के इंतजार में भूखे मरने की कगार पर आ गए है ।
एक ही जिले में अलग – अलग गाइडलाइन – जिला मुख्यालय महासमुन्द में फल एवं सब्जी विक्रेताओं के द्वारा नए गाइडलाइन आने के बाद नेशनल हाइवे 353 पर ही ठेले – खोमचे लगाकर फल एवं सब्जियों का विक्रय सुबह 9 से 5 बजे तक किया जा रहा है वही महासमुन्द जिले के पिथोरा , सांकरा , बसना एवं सराईपाली ब्लाकों में इन फल एवं सब्जी विक्रेताओं को पहले टीकाकरण करवा कर एवं कोरोना जांच करवाकर ठेले लगाने की अनुमति दिया गया है जबकि बागबाहरा नगर में स्थानीय प्रशासन द्वारा इन फल एवम सब्जी विक्रेताओं को खोलने की अनुमति नही दिया जा रहा है अगर कोई ठेलेवाले खोलने की कोशिश भी करता है तो चालान काटने एवं कार्यवाही करने का धौस दिखाया जाता है । अब सोचने वाली बात यह है कि एक ही जिले में अलग – अलग नियम कानून कैसे लागू किया गया है । जिले में प्रशासन के इस दोहरे मापदंड के चलते ठेले खोमचे वालो में खासा रोष है ।
बड़े फलों एवं सब्जियों के दाम – नगर में एक दो फल एवम सब्जी विक्रेताओं के घर मुख्य मार्ग पर स्थित है जिसके चलते इनकी दुकानदारी घर से संचालित हो रहे है । गिनती के फल विक्रेताओं के चलते फलों के दाम भी दुगुने हो गए है जिससे आम आदमी की भी जेबे भी कट रही है ।
विष्णु मयंक (फल विक्रेता) – महासमुन्द जिले में सभी जगह स्थाई ठेले लग रहे है केवल बागबाहरा में ही नही लगने दिया जा रहा है फल ठेला ही हमारी रोजी रोटी का साधन है ठेला नही लगाने से आर्थिक संकट गहरा रहा है ।
मदन चौहान (जूस विक्रेता) – पिछले लॉक डाउन में भी जिला मुख्यालय में ठेले वालो को छूट दिया गया था इस समय भी महासमुन्द में ठेले लग रहे है लेकिन बागबाहरा में नियम अलग है यहाँ सिर्फ घूम घूम कर बेचने का नियम है ।
भागवत जायसवाल (एसडीएम बागबाहरा) – यहा स्थाई ठेला की अनुमति नही है , घूम घूम के फलों की बिक्री करे जब आदेश आ जायेगा तो पालन करेंगे । जिला मुख्यालय में ठेले लगने की बात है तो जिले में ऐसे कोई गाइडलाइन नही चल रहा है कभी जुर्माना तो कभी कार्यवाही हो सकती है आन पेपर कुछ भी नही है । गलियों में खोल कर फल बेचे उसके लिए तो छूट है । मुख्यालय में क्या नियम बनाये है आन पेपर बनाये है कि नही ये भी जानकारी नही है संक्रमण फैलेगा तो जिम्मेदारी तय होगी । प्रशासनिक अधिकारी बोले होंगे तो उनपर तय होगी नही तो ठेले वालो पर कार्यवाही होगी ।